Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के देवास जिले के 2 तात्कालिक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ.एमपी शर्मा और डॉ.विष्णुलता उइके ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ मिलकर 4 करोड़ 26 लाख रूपये की राशि का गबन किया है. 4 सालों से लगातार ये सिलसिला चल रहा था. लेकिन जैसे ही इसका खुलासा हुआ इनके खिलाफ कलेक्टर ने कड़ा एक्शन लेते हुए एफआईआर दर्ज करा ली है.
ये है पूरा मामला
दरअसल कोरोना काल के वक़्त स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपये की खरीदी-बिक्री हुई थी. इस आपदा का स्वास्थ्य विभाग के अफसर ने पूरी तरह से उठाया। विभाग में करोड़ों रूपये के सामानों की खरीदी हुई थी. इसमें सीएचएचओ ने अधीनस्थ कर्मियों के साथ मिलीभगत करके 4 करोड़ 26 लाख रूपये के गबन कर लिया. करीबन 76 बैंक अकाउंट्स में अनियमितता की राशि ट्रांसफर की थी.इसकी भनक लगते ही जांच हुई. अब कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए. कलेक्टर के निर्देश के बाद अतिरिक्त कलेक्टर अभिषेक शर्मा ने कोतवाली पहुंच मामल दर्ज करा लिया है.
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इनके खिलाफ FIR
स्वास्थ्य विभाग के जिन अफसर कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है उनमें तात्कालिक सीएमएचओ डॉ.एमपी शर्मा, प्रकाश साठे, पंकज गुर्जर, तात्कालिक सीएमएचओ डॉ.विष्णुलता उइके, रवि वर्मा, अश्विन सूर्यवंशी, अंकित घाडगे, योगेश कहार, डॉ.कैलाश कल्याणे हैं. बता दें कि 1 करोड़ 32 लाख रुपये की राशि वसूली जा चुकी है. प्रकरण के बीच में और मामले दर्ज होंगे.
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