ना आवास, ना शौचालय... केंद्रीय मंत्री ने सुनी अपनी मौसी की व्यथा, सब्जी बेचकर करती हैं गुजारा

Damoh News: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक (Virendra Khatik) सोमवार को दमोह जिले के तेजगढ़ गांव में अपने ननिहाल पहुंचे. यहां उनकी मौसी ने उन्हें अपनी व्यथा सुनाई.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Damoh News: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक (Virendra Khatik) सोमवार को दमोह जिले के तेजगढ़ गांव में अपने ननिहाल पहुंचे. अपने बच्चे को देखकर बुजुर्ग मौसी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और अपने हाथों से वीरेंद्र खटीक को नाश्ता कराया. साथ ही बचपन के दोस्तों ने पुरानी यादें ताजा की और अपने दोस्त का स्वागत किया. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद खटीक पहली बार अपनी मौसी के घर पहुंचे उसके बाद लोगों को पता चला कि उनका बचपन इसी तेजगढ़ में बीता है. इस दौरान पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के साथ स्थानीय लोगों की भी मौजूदगी रही.

तेजगढ़ में है ननिहाल

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक की मौसी तुलसा बाई खटीक तेजगढ़ मे रहती हैं और तेजगढ़ गांव केंद्रीय मंत्री का ननिहाल है. यहां उनका पूरा बचपन गुजरा है. किसी को पता नहीं था कि गांव का वीरेंद्र एक दिन देश का केंद्रीय मंत्री बन जाएगा. युवा अवस्था तक खटीक तेजगढ़ की हर गली में खेले हैं. यहां से बहने वाली गौरैया नदी में वह तैरना सीखे हैं. ज़ब पहली बार वह मंत्री बनकर गांव पहुंचे  तो उनके साथ दर्जनों वाहनों का कफिला लगा हुआ था. अपनी बहन के बेटे को घर पर देख मौसी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. 

Advertisement

नहाने के बाद तोड़ते थे आम

तेजगढ़ पहुंचते ही केंद्रीय मंत्री ने अपनी मौसी तुलसाबाई के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया और हालचाल पूछा. केंद्रीय मंत्री की मौसी तेजगढ़ में अकेली रहती हैं. उनकी संतान नही है. पति की मौत हो चुकी है और वह सब्जी बेचकर करके अपना गुजारा करती हैं. मंत्री ने मौसी से अपने बचपन के साथियों के बारे में पूछा और कहा अब गांव काफ़ी विकसित हो गया है. आज से पचास वर्ष पूर्व यहां की सड़कें छोटी थी. हम लोग गर्मियों के दो माह तेजगढ़ में ही रहते थे और गुरैया नदी में घंटों नहाने के बाद भीगे कपड़े पहनकर पके आम तोड़कर खाते थे.  

Advertisement

कच्चे मकान में रहती हैं मौसी

केंद्रीय मंत्री की सगी मोसी तेजगढ़ गांव में आज भी पुराने और टूटे-फूटे मकान में अकेली रहती हैं. भतीजे से आज भी उनका व्यवहार पहले जैसा है. केंद्रीय मंत्री ने जब मौसी से समस्याएं पूछी तो उन्होंने कहा कि उसी टूटे मकान में रहते हैं जिसमें तुम रहते थे. आवास मिला नहीं, शौचालय मिला नहीं है, जमीन का केस लगा है. बाद में उन्होंने मौसी तुलसाबाई से कहा कि मंत्री धर्मेंद सिंह अब आपकी सभी समस्याये निपटा देंगे. उसके बाद तेंदूखेड़ा एसडीएम को बुलाया और समस्याओं के निराकरण करने मौके पर ही निर्देश दिये. साथ ही उस कच्चे मकान का केंद्रीय मंत्री और राज्यमंत्री ने निरीक्षण किय. मंत्री अपने पुराने साथियो से मिलने उनके घर भी पहुंचे.    

Advertisement

खिलाया केला, सौंपी पठौनी  

तुलसा बाई ने पहले केंद्रीय मंत्री का नाम लेकर भोजन करने की बात कही, लेकिन उन्होंने मना किया तो केले खिलाये और जब मंत्री जाने लगे तो गरीब मौसी ने विदाई की पठौनी में कुछ सामग्री रखकर विदा किया. तुलसाबाई ने बताया कि केंद्रीय मंत्री उनकी सगी बड़ी बहन के पुत्र हैं. उनका बचपन तेजगढ़ में ही गुजरा है और यहीं ननिहाल है. 

ये भी पढ़ें: Dhanteras पर पुश्तैनी दुकान चलाने पहुंचे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, बेचा 12408 रुपये का राशन, देखें वीडियो

Topics mentioned in this article