दमोह में तालाब बना मौत का कुंड, हजारों मछलियां एक साथ मरीं, पानी में क‍िसने म‍िला जहर?

  दमोह की हजारी की तलैया में हजारों मछलियों की अचानक मौत के बाद जहर मिलाने का आरोप लगा है. प्रशासन ने जांच शुरू कर पानी के उपयोग पर रोक लगा दी है.

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Damoh Fish Death Case: मध्‍य प्रदेश के दमोह जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित हजारी की तलैया में शनिवार सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब तालाब में हजारों की संख्या में मछलियां मृत अवस्था में पानी की सतह पर तैरती हुई नजर आईं. घटना की जानकारी मिलते ही मछली पालन से जुड़े रैकवार समाज के लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे और हालात को देखते हुए कोतवाली थाने पहुंचकर पुलिस को सूचना दी.

जहरीला पदार्थ मिलाने की आशंका

रैकवार समाज के लोगों ने आशंका जताई कि तालाब के पानी में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जहरीला पदार्थ मिलाया गया है, जिससे इतनी बड़ी संख्या में मछलियों की मौत हुई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए दोपहर में कोतवाली पुलिस, जिला प्रशासन, नगर पालिका और पीएचई विभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और तालाब के पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए.

मछली पालन ठेकेदार नीरज रैकवार ने बताया कि हजारी की तलैया में करीब दो लाख मछली बीज डाला गया था. समय के साथ मछलियों की ब्रीडिंग होती रही और तालाब में उनकी संख्या लाखों में पहुंच गई थी. शनिवार सुबह अचानक हजारों मछलियां मृत मिलीं, जो पानी के ऊपर तैर रही थीं. सूचना मिलते ही वह तत्काल मौके पर पहुंचे और बाद में कोतवाली थाने में आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई. 

मरी हुई मछलियां भी खाने योग्य नहीं

ठेकेदार ने आरोप लगाया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने तालाब के पानी में जहर मिलाया है, जिससे मछलियों की मौत हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि पानी अब जहरीला हो चुका है और मरी हुई मछलियां भी खाने योग्य नहीं हैं. यदि कोई पशु इस पानी को पी ले या कोई व्यक्ति गलती से मछली का सेवन कर ले और कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी.

मौके पर जांच करने पहुंचे कोतवाली टीआई मनीष कुमार ने बताया कि हजारी की तलैया में मछलियों के मृत मिलने की सूचना प्राप्त हुई थी. एसडीएम और नगर पालिका के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया है. पीएचई विभाग द्वारा पानी के सैंपल लिए गए हैं और एहतियात के तौर पर पानी में कुछ दवाओं का छिड़काव भी किया गया है.

टीआई मनीष कुमार के अनुसार प्रथम दृष्टया यह भी संभावना जताई जा रही है कि तालाब में ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियों की मौत हुई हो सकती है. हालांकि ठेकेदार द्वारा लगाए गए जहर मिलाने के आरोपों की भी गंभीरता से जांच की जा रही है. जांच पूरी होने और रिपोर्ट आने तक जिला प्रशासन ने तालाब के पानी के उपयोग पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.

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