MP News: यूपी के इस शहर का रहने वाला है 'डॉ. डेथ' नरेंद्र यादव, इसलिए अपना नाम रखा था एन. जॉन केम

Madhya Pradesh News: डॉक्टक कानपुर से हायर सेकेंडरी कर 1991 में नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया. सइके बाद उसने कई डिग्रियां विदेश से हासिल की. विदेश में अपना इनफ्लुएंस बढ़ाने के लिए उन्होंने अपना नाम एन जॉन केम रखा और इसी नाम से विदेश में भी रहा.

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Damoh News: डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात 15 लोगों की मौत का जिम्मेदार लंदन रिटर्न एन जॉन केम को लेकर बुधवार को दमोह पुलिस ने बड़ा खुलासा किया. दमोह पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि आरोपी से रिमांड के दौरान लगातार पूछताछ हो रही है. उसने बताया है कि उसका असली नाम नरेंद्र यादव है, जो कानपुर के हरजिंद्र नगर का रहने वाला है.

सब इंजीनियर पिता और भाई सहित परिवार आज भी वही रहता है. कानपुर से हायर सेकेंडरी कर 1991 में उस ने नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया. सइके बाद उसने कई डिग्रियां विदेश से हासिल की. हालांकि, उन्होंने बताया कि ये डिग्रियां भारत में मान्य है या नहीं, इसकी तस्दीक की जा रही है. विदेश में अपना इनफ्लुएंस बढ़ाने के लिए उन्होंने अपना नाम एन जॉन केम रखा और इसी नाम से विदेश में भी रहा. दरअसल, इनके के खिलाफ आरोप है कि उसने पिछले डेढ़ महीने में 15 ऐसी दिल की सर्जरी कीं, जिसमें से सात मरीजों की मौत हो गई. आरोपी पिछले 18 वर्षों से डॉक्टर बना हुआ था और लगातार सर्जरी करता आ रहा था. अब आरोपी के कारनामों की परत खुल रही है.

पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी की फर्जी हस्ताक्षर वाली डिग्री मिली

डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (Doctor of Medicine) की डिग्री भी फर्जी पाई गई है. उनकी डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के हस्ताक्षर थे, जो उस समय यूनिवर्सिटी के पदेन वाइस चांसलर थे. लेकिन, डिग्री पर रजिस्ट्रेशन नंबर चेक किया गया, तो इस नाम से कोई भी डिग्री जारी नहीं की गई थी. आरोपी ने जो डिग्री दिखाई वह नरेंद्र जॉन केम के नाम की है. आरोप है कि उसने हामिद अंसारी के हस्ताक्षर मैच करके डिग्री बनवाई. फर्जी डिग्री मिलने के बाद आरोपी के खिलाफ फर्जी डिग्री के मामले में भी केस दर्ज कराया गया है.

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बहुत ही शातिर है डॉक्टर डेथ

इसके ऊपर हैदराबाद के रचकोंडा में भी अमानत में खयानत का मामला दर्ज है. पुलिस ने बताया कि नरेंद्र यादव और एन जॉन केम नाम से दो पासपोर्ट की भी जानकारी लगी है. दरअसल, वह लंबे समय से विदेश में रहने की भी संभावना जताई है. पुलिस अधीक्षक के मुताबिक पुलिस को जांच में अच्छा सहयोग कर रहा है, पर शातिर है और अपने बयान भी बदलता है.

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ऐसे चढ़ा था पुलिस के हत्थे

चिकन शॉप पर चिकन ऑर्डर किया और लोकेशन शेयर की थी, जिसकी वजह से प्रयागराज में उसको हिरासत में लेने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. कुल मिलाकर शुरुआती जांच में कुछ डिग्री और दस्तावेज जाली मिले हैं. हालांकि, अभी बहुत सी जानकारी और उससे हासिल करने में समय लगेगा.

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