Damoh Fake Doctor News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह जिले (Damoh District) के मिशन अस्पताल में लापरवाही से सात मरीजों की मौत के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार ‘फर्जी' हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम ने गुरुवार को कहा कि वह एक ‘‘बड़ी साजिश'' के शिकार हुए हैं.
उन्होंने यह दावा भी किया कि उनके सभी दस्तावेज असली हैं. यादव ने पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद एक स्थानीय अदालत के बाहर मीडियाकर्मियों से संक्षिप्त बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की.
डॉ. यादव ने ये किया दावा
इस दौरान यादव ने कहा कि मेरे खिलाफ बड़ी साजिश रची गई है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि मेरी सारी डिग्री असली है, जो आपको जांच पूरी होने के बाद पता चल जाएगा. थोड़ी देर इंतजार कीजिए. जांच से जुड़े सूत्रों ने भी बताया कि एमबीबीएस डिग्री के अलावा यादव ने अपनी स्नातकोत्तर डिग्री और अन्य दस्तावेजों के आधार पर दावा किया कि वह एक प्रशिक्षित हृदय रोग विशेषज्ञ है. दरअसल, पिछले सात अप्रैल को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किए गए यादव को शुक्रवार को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा.
पुलिस की गिरफ्त में है डॉ. यादव
दरअसल, इस मामले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को एक शिकायत मिली थी, जिसमें दावा किया गया था कि दमोह के मिशन अस्पताल में सात लोगों की मौत हो गई थी. यादव ने इन सभी मरीजों की कथित रूप से सर्जरी की थी. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद यादव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 315 (4) (बेईमानी से गबन), 338 (जालसाजी), 336 (3) (धोखाधड़ी के इरादे से दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाना या बदलना) समेत प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
जमानत के लिए हाईकोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रिया सिंह ने गुरुवार को यादव की पुलिस रिमांड एक दिन के लिए और बढ़ा दी. यादव के वकील सचिन नायक ने अभियोजन की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल प्रयागराज में गिरफ्तारी के बाद सात अप्रैल से पुलिस हिरासत में है. नायक ने कहा कि उनके मुवक्किल अपनी जमानत के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख करेंगे.
फर्जी डॉ. ऐसे मांगता था नौकरी
इंदौर स्थित एक रोजगार सलाहकार कंपनी के निदेशक ने पिछले हफ्ते कहा था कि यादव ने 2020 और 2024 के बीच तीन बार नौकरी के लिए अपना बायोडाटा भेजा था. इसमें उसने दावा क्या था कि उन्होंने हजारों मरीजों का ऑपरेशन किया है. कंपनी को 2024 में भेजे गए नौ पन्ने के बायोडाटा में यादव ने खुद को एक वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ बताया था और अपना स्थायी पता ब्रिटेन में बर्मिंघम का दिया था.
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