Damoh Fake Doctor Case: दमोह के मिशन अस्पताल के फर्जी डॉक्टर के मामले की जांच जारी है. वहीं, आरोपी पुलिस हिरासत में है, जिससे पूछताछ की जा रही है. इसी बीच गुरुवार को प्रशासन की एक टीम ने अस्पताल का कैथलैब सील कर दिया. इसके साथ ही उस यूनिट को भी बंद कर दिया है. यह करोड़ो रुपये की इलेक्ट्रिक मशीन का तापमान नियंत्रित करती है.
बताया कि ऐसे हालात के बीच मौसम का तापमान यदि बढ़ता है तो कभी भी मशीन आग की लपटें छोड़ सकती है. कैथलैब सील करने वाले डॉक्टर इस बात पर अपने आप को नॉन टेक्निकल बताकर बचते नजर आए.
साजिश का शिकार हुआ अस्पताल
पुष्पा खरे (अस्पताल की प्रभारी प्रबंधक) ने बताया कि दमोह की लाइफ लाइन समझा जाने वाला जिले का सबसे बड़ा निजी अस्पताल गर्दिश में है. अस्पताल से सभी भर्ती मरीज छुट्टी कराकर चले गए हैं. बीते कई दशकों से 24 घंटे अपनी सेवाएं देने वाले अस्पताल प्रबंधन ने मामले में अपने आप को साजिश का शिकार बताया है है.
मिशन अस्पताल के बदले स्वरूप और देश व्यापी बदनामी से यहां काम करने वाला सौ से ज्यादा लोगों का स्टाफ डरा सहमा हुआ है तो अपने अस्पताल के हालातों से प्रबंधक भी सदमे में है.
पुलिस कप्तान श्रुत कीर्ति सोमवंशी का दावा है कि अगर मिशन अस्पताल मांग करता है तो उसे पर्याप्त पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.