MP Police की शर्मनाक तस्वीर आई सामने, फरियादी का भाई तड़पता रहा, पुलिस धुलवाती रही कार

Bhind Police News: पीड़ित थाने के बाहर तड़पता रहा, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि फरियादी के पहुंचने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करने के बजाय पहले अपनी कार धुलवाना जरूरी समझा. थाने के बाहर फरियादी का भाई के शरीर से खून बहता रहा और अंदर पुलिसकर्मी कार की धुलाई करवाने में मस्त रहे. यह कार थाने में पदस्थ एसआई रविन्द्र कुमार मांझी की बताई जा रही है.

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Madhya Pradesh Police: मध्य प्रदेश के भिंड (Bhind) जिले से पुलिस की बहुत शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. दरअसल, भिंड के दबोह थाने में खून से लथपथ अपने भाई को लेकर रिपोर्ट लिखवाने पहुंचा था, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट लिखने और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने के बजाए, घायल के भाई से अपनी गाड़ी धुलवाने लगी.

लिहाजा, दबोह थाने में पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. इस मामले ने न सिर्फ पुलिस की लापरवाही को उजागर कर दिया है, बल्कि पुलिस की संवेदनहीनता को भी सामने ला दी.

पीड़ित ऐसे हुआ था घायल

जानकारी के मुताबिक, लहार के दबोह थाना क्षेत्र के बरथरा गांव निवासी श्यामू परिहार और उसके चाचा नारायण परिहार के बीच मकान  के बंटवारे को लेकर सालों से विवाद चल रहा था. श्यामू परिहार मंगलवार को अपने घर की दीवार बनवा रहा था. इसी दौरान उसका चाचा नारायण परिहार और कोमल परिहार आ धमके. श्यामू परिहार को गाली-गलौज करते हुए कुल्हाड़ी और लाठी-डंडे से हमला बोल दिया, जिससे श्यामू लहूलुहान हो गया. मौके पर पहुंचे श्यामू के भाई रामू परिहार ने उसे बचाया. रामू अपने भाई श्यामू को घायल हालत में दबोह थाने लेकर पहुंचा. जहां पुलिस की बड़ी संवेदनहीनता देखने को मिली.

पहले कार धुलवाई, फिर एफआईआर दर्ज की

पीड़ित थाने के बाहर तड़पता रहा, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि फरियादी के पहुंचने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करने के बजाय पहले अपनी कार धुलवाना जरूरी समझा. थाने के बाहर फरियादी का भाई के शरीर से खून बहता रहा और अंदर पुलिसकर्मी कार की धुलाई करवाने में मस्त रहे. यह कार थाने में पदस्थ एसआई रविन्द्र कुमार मांझी की बताई जा रही है.

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परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

करीब एक घंटे की देरी के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.वह भी तब, जब फरियादी ने जमकर विरोध किया. इस दौरान आरोप यह भी लगा कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के नाम पर रुपए की भी मांग की. पैसे नहीं देने पर पीड़ित को ही उल्टा आरोपी बना दिया गया. घटना से आक्रोशित परिजनों ने कहा कि घायल को समय पर इलाज और रिपोर्ट दर्ज न होने से उनकी जान पर बन आई थी.

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वहीं, टीआई राकेश शर्मा ने इस कृत्य को गलत बताया है. उनका कहना है कि एसआई को ऐसा नहीं करना चाहिए था. हालांकि, पीड़ित ने इस मामले में एसपी असित यादव से गुहार लगाई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना पुलिस की संवेदनहीनता का उदाहरण है और उच्चाधिकारियों को मामले की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. दबोह थाने का मामला फिलहाल पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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