Cyber Fraud: करोड़पति बनने के चक्कर ठगा गया तहसीलदार का बेटा, और फिर लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर दे दी जान

Cyber Fraud Case: मृतक सरोज दुबे के पास पिछले दिनों पुलिस की वर्दी में फोन आया था, उन्हें करोड़ों रुपये देने की बात कही गई. वह लालच में आ गये. यहीं से ठगों ने अपना खेल शुरू किया. आइए जानते हैं आत्महत्या की पूरी इन साइड स्टोरी.

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Cyber Fraud: साइबर ठगी से परेशान बुजुर्ग ने खुद को गोली मारी

Cyber Fraud Case: रीवा के घनी आबादी वाले इलाके के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग पुराने चांदी के सिक्कों के बदले एक करोड़ रुपए पाने के लालच में साइबर जालसाजों के शिकार हो गए. बुजुर्ग ने बिना सोचे समझे जालसाजों के खातों में 50 से 60 हजार रुपए कई बार में ट्रांसफर कर दिए और जब उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ तो लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर बुुजुर्ग ने अपनी जान दे दी.

पुराने चांदी सिक्कों के बदले करोड़ों रुपए के ऑफर देकर ठगों ने पहले बुजुर्ग से रजिस्ट्रेशन के लिए 500 रुपए मांगे. यह सिलसिला 50-60 हजार रुपए ट्रांसफर के बाद भी नहीं रूका. जब बुजुर्ग को ठगे जाने का एहसास हुआ, तो उसने लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोलीमार आत्महत्या कर ली.

एंटीक सिक्कों के बदले आत्महत्या का दूसरा केस

गौरतलब है रीवा में एंटीक सिक्कों के बदले आत्महत्या का यह पहला मामला नहीं है. कुछ इसी तरीके से साइबर जालसाजों ने पिछले साल मऊगंज जिले में एक महिला को शिकार बनाया था. एंटीक सिक्कों को लेकर ही भारी-भरकम रकम पाने के लालच में एक महिला ने अपना सब कुछ लुटा दिया था, जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली थी.

मृतक 65 वर्षीय बुजुर्ग के पिता रहे थे तहसीलदार

रीवा के घनी आबादी वाले मोहल्ले चोपड़ा स्कूल के पास रहने वाले 65 साल के एक बुजुर्ग के पिता स्वर्गीय मुन्नीलाल दुबे किसी जमाने में तहसीलदार रहे थे. पिता की मौत के बाद उन्होंने उस बंदूक को अपने नाम ट्रांसफर करा लिया था. बुजुर्ग ने साइबर जालसाजों के हाथों अपना सब कुछ लुटाने के बाद इसी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या की.

मृतक 65 वर्षीय बुजुर्ग की पहचान सरोज दुबे के रूप में हुई है. एंटीक सिक्कों की शौंकीन बुुजुर्ग के पास पिछले दिनों पुलिस की वर्दी में एक फोन आया था, जिसमें उन्हें करोड़ों रुपए देने की बात कही गई. बुजुर्ग से 500 रुपए से ठगी की शुरुआत हुई. जो समय के साथ लगातार बढ़ती रही.

परेशान बुजुर्ग ने दामाद को बताई थी ठगी की बात

रिपोर्ट के मुताबिक जालसाजों द्वारा लगातार किए जा रहे पैसों के डिमांड से परेशान होकर बुजुर्ग सरोज दुबे ने इस बात की जानकारी अपने दामाद को दी थी. दामाद ने पैसा देने के बजाय पुलिस में शिकायत करना मुनासिब समझा. हालांकि जब तक परिवार पुलिस तक पहुंचता. बुजुर्ग ने लाइसेंसी बंदूक से गोली मार कर आत्महत्या कर ली. 

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मऊगंज की एक महिला के साथ हुई थी ऐसे ठगी

रीवा के बुजुर्ग के साथ साइबर ठगी ठीक उसी तरीके की गई, जिस तरीके से पिछले साल मऊगंज में एक महिला के साथ हुई थी. जालसाजों ने महिला को एंटीक सिक्कों का लालच देकर ठगी की थी. जिसके बाद महिला को बाद में आत्महत्या करनी ली थी. साइबर ठगों द्वारा की गई यह खबर अखबारों से सुर्खियां भी बनी थीं.

सिक्योरिटी गार्ड का करने वाले बुजुर्ग ने लालच में अपनी जमा-पूंजी ही नहीं, दोस्तों से पैसे से उधार लेकर ठगों को पैसे ट्रांसफर किए. बड़ी बात यह कि अपने साथ हुई हजारों रुपए की ठगी की बात बुजुर्ग ने अंत में दामाद से तब बताई, जब ठगों की डिमांड खत्म नहीं हो रही थी. 

जमा-पूंजी ही नहीं, उधार लेकर पैसे किए ट्रांसफर

सिक्योरिटी गार्ड का करने वाले मृतक सरोज दुबे एक करोड़ रुपए के लालच पहले अपनी जमा-पूंजी ठगों के खातों में ट्रांसफर किए, फिर अपने दोस्तों से पैसे से उधार लेकर पैसे ट्रांसफर किए. बड़ी बात यह कि अपने साथ हुई हजारों रुपए की ठगी की बात बुजुर्ग ने अंत में दामाद से तब बताई, जब ठगों की डिमांड खत्म नहीं हो रही थी. 

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