Cyber Fraud: ग्वालियर में सामने आया 7 करोड़ रुपये की सायबर ठगी का मामला, रैकेट से जुड़े दलालों को पुलिस ने ऐसे दबोचा

Cyber Fraud Case in MP: साइबर ठगों का नेटवर्क ग्वालियर शहर में भी जड़ जमा रहा है. यह सनसनीखेज खुलासा खुद पुलिस ने किया है. पुलिस ने पुरानी छावनी थाना क्षेत्र के जलालपुर से ऑनलाइन ठगी करने वालों के दो दलालों को गिरफ्तार किया है. दोनों के खातों में ठगी की रकम का लेनदेन देखकर पुलिस भी दंग है. महज 15 दिन में दोनों दलालों के खातों में 7 करोड़ रुपया जमा हुआ और थोड़ी ही देर में निकाला गया है.

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Cyber Fraud Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में एक बड़े साइबर ठग (Cyber Fraud) गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. यह गिरोह इतना बड़ा है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है. दरअसल, पुलिस इस गिरोह से जुड़े 2 दलालों को गिरफ्तार किया. इन से खुलासा हुआ है कि महज  15 दिन में दोनों दलालों के खातों में 7 करोड़ रुपया जमा हुआ और थोड़ी ही देर में इसे निकाल लिया गया.

साइबर ठगों का नेटवर्क ग्वालियर शहर में भी जड़ जमा रहा है. यह सनसनीखेज खुलासा खुद पुलिस ने किया है. पुलिस ने पुरानी छावनी थाना क्षेत्र के जलालपुर से ऑनलाइन ठगी करने वालों के दो दलालों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों ने फर्जी फर्म के नाम से कोटक बैंक में खाते खुलवा कर ठगों को थमा दिए थे. उसके बदले दोनों को 25-25 हजार रुपये कमीशन मिला था. दोनों खातों में ठगी की रकम का लेनदेन देखकर पुलिस भी दंग है. महज 15 दिन में दोनों दलालों के खातों में 7 करोड़ रुपया जमा हुआ और थोड़ी ही देर में निकाला गया है.

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ठगों के खेल का ऐसे हुआ खुलासा

शेयर में निवेश का झांसा देकर शताब्दीपुरम (महाराजपुरा) निवासी जितेन्द्र तिवारी से 28 लाख 1 हजार 800 रुपये की ठगी करने वाले जालसाजों का लिंक जलालपुर में मिला है. यहां से साइबर ठगों के दो लोकल दलाल जतिन यादव और पप्पू यादव को पकड़ा है. जतिन यातायात नगर में ट्रांसपोर्ट  काम करता है और पप्पू उसका जिगरी दोस्त है. लेकिन दोनों प्राइवेट नौकरी की आड़ में साइबर ठगों के स्पीलर सेल हैं. इन दोनों ने कोटक बैंक में बालाजी फर्म के नाम फर्जी खाता खुलवाया था. इसी खाते में जितेन्द्र तिवारी से ऑनलाइन ठगी रकम में से 2.70 लाख जमा हुआ था. मामले की जांच की, तो जतिन और पप्पू का खाता ट्रेस हुआ. दोनों को गुरुवार को पुलिस ने हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की, तो ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ.  

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इस पूरे मामले पर ग्वालियर के एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि दोनों आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उनके दोस्त दीपक यादव, विकास यादव और प्रशांत शर्मा ने उनसे खाता खुलवाया था. उसके बदले दोनों को 25-25 हजार रुपये कमीशन के तौर पर दिया गया था. खाते में पैसा कहां से आता था और कहां जाता था, यह उन्हें इस बारे में कुछ भी  नहीं पता है. मामले की तफ्तीश में जुटी साइबर सेल टीम का कहना है कि दोनों ठगों के खाते में पिछले 15 दिन में 7 करोड़ रुपये आए. यह रकम देशभर में लोगों से ठगी की गई थी. इसके बाद दोनों आरोपियों के खाते को फ्रीज कर दिया गया है. अब पुलिस को इनसे खाता खुलवाने वालों की तलाश है. उनके पकड़े जाने पर ठगों की आगे की कड़ी सामने की उम्मीद जताई जा रही है. 

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