COVID-19: देश में एक बार फिर करोना वायरस (Corona Virus) फैलने की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग (Health Department) अलर्ट मोड में आ गया है. जबलपुर में भले ही अब तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक निर्देश नहीं मिले हैं, लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पिछली कोरोना लहर से मिले अनुभव के आधार पर हम पूरी तरह से तैयार हैं. संसाधनों की कोई कमी नहीं है. आमजन से अपील की गई है कि कोई भी व्यक्ति लक्षण महसूस होते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे और सावधानी बरते.
क्या निर्देश जारी हुए?
कइ राज्यों में सरकार की ओर से सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को कोविड-19 को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. नई एडवाइजरी में कई प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया गया है. अस्पतालों से बिस्तरों, ऑक्सीजन, जरूरी दवाइयों, वैक्सीन, वेंटिलेटर, बाय-पैप, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. कोविड ड्यूटी में लगे स्टाफ को आवश्यकतानुसार रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जाएगा. सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आईएलआई और एसएआरआई मामलों की रोजाना आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्टिंग करनी होगी.
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
दक्षिण-पूर्व एशिया में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में वृद्धि को लेकर रिपोर्ट्स ने फिर से लोगों को डरा दिया है. लाखों लोगों और वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली बीमारी के बारे में नई आशंकाएं पैदा कर दी है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा ये बदलते मौसम में होने वाले फ्लू का ट्रेंड है.
भारत में भी मामलों में मामूली वृद्धि देखी जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को आयोजित समीक्षा में निष्कर्ष निकाला गया कि भारत में वर्तमान स्थिति "नियंत्रण में" है, 19 मई तक देश भर में केवल 257 सक्रिय मामले सामने आए हैं.
उन्होंने कहा, "पिछले टीकाकरण और पिछले संक्रमणों से बचने के कारण व्यापक प्रतिरक्षा के कारण, कोविड-19 अब वह विनाशकारी शक्ति नहीं है जो पहले हुआ करती थी. वायरस में किसी बड़े आनुवंशिक बदलाव का कोई संकेत नहीं है जो इसके कारण होने वाली बीमारी के चरित्र को बदल सकता है."
चीन और थाईलैंड ने भी नए संक्रमणों में उल्लेखनीय वृद्धि की सूचना दी है. इस उछाल को मुख्य रूप से नए ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसमें जेएन.1 और इससे संबंधित - एलएफ.7 और एनबी.1.8 वेरिएंट शामिल हैं. मामलों में वृद्धि का संबंध कमजोर इम्युनिटी से है. जबकि अब तक रिपोर्ट किए गए मामले आम तौर पर हल्के हैं. जयदेवन ने कहा, "परिणाम मेजबान पर भी निर्भर करता है. उदाहरण के लिए, एक कमजोर बुजुर्ग व्यक्ति में संक्रमण अधिक गंभीर परिणामों को जन्म दे सकता है."
विशेषज्ञों ने वायरस से लड़ने के लिए स्वच्छता और सफाई का ध्यान देने को कहा है. जयदेवन ने कहा, "जब मामले बढ़ते हैं, तो सामान्य से ज्यादा सावधानी बरतना जरूरी है. भीड़-भाड़ वाली बंद जगहों पर मास्क पहनना मददगार होगा. जिन लोगों को बुखार है, उन्हें घर पर रहना चाहिए और दूसरों से घुलने-मिलने से बचना चाहिए."
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