Deadly Cough Syrup: कोल्ड्रिफ सिरप को लेकर ग्वालियर में एडवाइजरी जारी, ड्रग इंस्पेक्टर ने ये कहा

Cough Syrup Death Case: छिंदवाड़ा की घटना के बाद सर्दी-जुखाम और खाँसी में दी जाने वाली दवाओं को लेकर भी ग्वालियर जिले में नई एडवाइजरी जारी की गई है. इसके तहत दवा विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि क्लोरफेनेरामिन मेलिएट आईपी 2 एमजी एवं फिनायलेफरिन हाइड्रोक्लोराइड आईपी 5 एमजी युक्त फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही बेचा जाए.

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Deadly Cough Syrup: कोल्ड्रिफ सिरप को लेकर ग्वालियर में एडवाइजरी जारी, ड्रग इंस्पेक्टर ने ये कहा

Cough Syrup Death Case: छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से हुई बच्चों की मौत के बाद ग्वालियर जिले में भी इस दवा के विक्रय पर पिछले एक अक्टूबर से ही पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिले की औषधि निरीक्षक अनुभूति शर्मा ने बताया कि ग्वालियर जिले में अब तक सभी सरकारी और निजी दवा स्टोर्स की जांच में कोल्ड्रिफ सिरप का कोई स्टॉक नहीं पाया गया है. औषधि निरीक्षक अनुभूति शर्मा ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा निर्माता कम्पनी मेसर्स सेसन फार्मास्यूटिकल्स, तमिलनाडु के जबलपुर स्थित स्टॉकिस्ट से जानकारी ली गई, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि ग्वालियर जिले में उक्त सिरप की कोई आपूर्ति नहीं की गई है.

क्या है मामला?

तमिलनाडु स्थित शासकीय विश्लेषक की रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ सिरप में 48.6 प्रतिशत डायथलीन ग्लाइकोल (जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है) पाए जाने पर इसे अवमानक घोषित किया गया है. औषधि निरीक्षक ने बताया कि इसके बाद ग्वालियर जिले में पुनः आदेश जारी कर मेसर्स सेसन फार्मास्यूटिकल्स, तमिलनाडु द्वारा निर्मित सभी उत्पादों के विक्रय पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

दवा विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि यदि उनके पास कोल्ड्रिफ सिरप या उक्त कंपनी की अन्य दवाओं का स्टॉक उपलब्ध है तो उसका विक्रय या नष्ट न करें तथा तत्काल इसकी सूचना खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय को दें. यदि किसी दवा विक्रेता ने पूर्व में यह सिरप किसी मरीज को बेचा है तो वे उनसे संपर्क कर इसके सेवन से रोकें.

खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने दवा विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि यदि भविष्य में किसी भी दवा से मरीज को साइड इफेक्ट या विपरीत असर होता है तो तुरंत उस दवा का सेवन बंद करवाएं, चिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दें और इसकी सूचना विभाग को दें ताकि गुणवत्ता परीक्षण समय पर किया जा सके.

ड्रग इंस्पेक्टर ने क्या कहा?

औषधि निरीक्षक ने बताया कि छिंदवाड़ा की घटना के बाद सर्दी-जुखाम और खाँसी में दी जाने वाली दवाओं को लेकर भी ग्वालियर जिले में नई एडवाइजरी जारी की गई है. इसके तहत दवा विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि क्लोरफेनेरामिन मेलिएट आईपी 2 एमजी एवं फिनायलेफरिन हाइड्रोक्लोराइड आईपी 5 एमजी युक्त फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही बेचा जाए.

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चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को उक्त एफडीसी दवाओं का विक्रय न किया जाए. यदि किसी पर्चे पर ऐसा उल्लेख है तो मरीज को दवा देने से पहले चिकित्सक से पुनः परामर्श लेने की सलाह दी जाए. दवा विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी सभी दवाओं के पैकेज इंसर्ट या प्रमोशनल लिटरेचर पर यह चेतावनी स्पष्ट रूप से लिखी हो- “FDC should not be used in children below 4 years of age.”

जिन उत्पादों पर यह चेतावनी अंकित नहीं है, उन्हें तत्काल स्टॉकिस्ट या निर्माता को लौटाने के निर्देश दिए गए हैं. फिलहाल जिले में कोल्ड्रिफ सिरप का कोई स्टॉक नहीं पाया गया है. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा इसकी लगातार निगरानी की जा रही है.

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