तमिलनाडु सरकार के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी कफ सिरप मामले में एक्शन लिया है. राज्य सरकार ने कटारिया फार्मास्युटिकल्स का लाइसेंस रद्द कर दिया है, जो कफ सिरप का अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर था. बता दें कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश में 23 बच्चों की मौत हुई थी जिसमें अकेले छिंदवाड़ा जिले के 21 और बैतूल के 2 बच्चे शामिल थे. कफ सिरप की कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
दरअसल, तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को श्रीसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी का लाइसेंस निरस्त कर दिया और कंपनी भी बंद कर दी. यही कंपनी वो जहरीला कफ सिरप कोल्ड्रिफ बनाती थी, जिसे पीकर बच्चों ने जान गंवा दी.
गोदाम पहले ही किया जा चुका था सील
इसके बाद जबलपुर जिले में स्थित कोल्ड्रिफ कफ सिरप की डिस्ट्रीब्यूटर फर्म कटारिया फार्मास्युटिकल्स का भी मध्य प्रदेश सरकार ने लाइसेंस निरस्त कर दिया. बता दें कि इसका गोदाम पहले ही सील किया जा चुका है.
गोदाम संबंधित नहीं दिखाया कोई दस्तावेज
औषधि निरीक्षक के अनुसार, जांच के दौरान फर्म ने दवा दुकान का लाइसेंस तो दिखाया, लेकिन गोदाम से संबंधित कोई वैध दस्तावेज या अनुमति पत्र प्रस्तुत नहीं किया. दवाओं के भंडारण के लिए जरूरी रेफ्रिजरेटर भी मौके पर नहीं मिला. फर्म संचालक को नोटिस देकर एक दिन का समय जवाब के लिए दिया गया था, मगर संतोषजनक उत्तर न मिलने पर लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई.
विभाग की टीम ने शहर के अन्य मेडिकल स्टोर्स का भी औचक निरीक्षण किया है. अधिकारियों ने बताया कि दवा आपूर्ति और भंडारण से जुड़ी गड़बड़ियों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि किसी भी तरह की जनहानि जैसी घटनाएं दोबारा न हों.
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