Jal Jeevan Mission- कांग्रेस ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर जल जीवन मिशन को लागू करने में 'भारी कुप्रबंधन' का आरोप लगाया. पार्टी ने आरोप लगाया कि शुरुआत में लागत को 'बहुत कम आंका गया' और पिछले पांच वर्षों में इस योजना के तहत प्रगति जितनी होनी चाहिए थी, उससे कहीं कम रही है. पार्टी ने दावा किया कि इसे लेकर मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र को चिट्ठी लिख चुके हैं.
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत धूमधाम से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी और इसके तहत मार्च 2024 तक देश के सभी घरों में नल के जरिए पीने का पानी पहुंचाने का वादा किया गया था.
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "इस समय सीमा के सात महीने बीत जाने के बाद भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है. इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि अब यह सामने आया है कि इस योजना की लागत शुरुआती अनुमानों से दोगुनी हो गई है, जबकि इसके लिए धन आवंटन बेहद अपर्याप्त है."
मध्य प्रदेश को लेकर क्या बोले जयराम?
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रगति रुक गई है क्योंकि राज्य सरकारें केंद्र से मिलने वाले मामूली धन के बीच निवेश जारी रखने में असमर्थ हैं, हालांकि पीएम की सरकार लागत का 50-60% वहन करने के लिए सहमत हुई है.
उन्होंने कहा, "उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 7,671.6 करोड़ का बजट रखा, लेकिन केंद्र सरकार ने केवल 4044.7 करोड़ का प्रावधान किया है."
रमेश ने कहा, "काम ठप हो गया है और देशभर में हजारों करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत कई मुख्यमंत्रियों ने इस मामले पर केंद्र सरकार को पत्र लिखा है." रमेश ने कहा, "यह बहुत बड़ी कुप्रबंधन है." "शुरू में लागत को बहुत कम करके आंका गया था. पिछले पांच सालों में अपर्याप्त प्रगति हुई है. और अब हम पीएम की प्रमुख योजनाओं में से एक में धन की कमी देख रहे हैं."
सीएम यादव की चिट्ठी किया शेयर
कांग्रेस महासचिव ने जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के लिखे गए एक पत्र को भी टैग किया, जिसमें जल जीवन मिशन के लिए अतिरिक्त धन की मांग की गई है. उन्होंने एक्स पर लिखा है, "क्या यह सिर्फ सरकार की अक्षमता का प्रतिबिंब है या 4 जून, 2024 को स्वयंभू देवता को दी गई कड़ी फटकार के लिए भारत के सबसे गरीब मतदाताओं से बदला लेने का एक और भयावह प्रयास है?"