Congress Protest against Suspension of MPs: लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) से 142 विपक्षी सांसदों के निलंबन (Suspension of MPs) को लेकर मध्य प्रदेश में भी राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष देशभर में सांसदों के निलंबन का विरोध (Protest against Suspension) कर रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने आज शुक्रवार को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है. भोपाल में हुए विरोध प्रदर्शन में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (Jitu Patwari) भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि संसद से 142 सांसदों को बाहर निकालना लोकतंत्र की हत्या है. मैं मानता हूं कि विधानसभा और लोकसभा लोकतंत्र के मंदिर है, जनता को यह भरोसा है कि अगर लोकसभा या विधानसभा में सवाल उठाया गया है तो उसका निराकरण होगा.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ (Kamalnath) ने भी सांसदों के निलंबन का विरोध करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि संसद से विपक्षी सांसदों का तानाशाही तरीके से निलंबन किया जाना लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है. कांग्रेस इस तरह के तानाशाही का विरोध करेगी. देश को तानाशाही से दबाने की कोशिश करने वाले समझ लें कि कांग्रेस ना कभी झुकी है और ना कभी झुकेगी.
कहां-कहां हुआ विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस ने प्रदेशभर में सांसदों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, विदिशा, टीकमगढ़, बालाघाट और अशोकनगर समेत पूरे प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. अशोकनगर के गांधी पार्क में हुए विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस विधायक की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका गया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. वहीं इंदौर में हुए प्रदर्शन में कांग्रेस नेताओं ने काली पट्टी बांधकर हाथ में तख्ती लेकर विरोध किया. इस दौरान सभी कांग्रेस नेताओं ने गांधी प्रतिमा के सामने मौन रहकर विरोध दर्ज किया.
जीतू पटवारी ने उठाया EVM का मुद्दा
भोपाल के रोशनपुरा में हुए विरोध प्रदर्शन में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र की मिसाल दी जाती है, इसका अनुसरण भी किया जाता है. लोकतंत्र की खासियत है कि आम नागरिक अपने विचारों को स्वतंत्रतापूर्वक रख सकें. सत्ता और विपक्ष देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए 2 पटरियां है. आज चुनाव प्रणाली पर प्रश्न उठने लगे हैं और कोर्ट में केस लगे हैं. लोकतंत्र में EVM पर सवाल उठ रहे हैं. हमारे देश में जिस तरह से चुनाव रिजल्ट आते हैं उस पर विश्वास नहीं होता. आम आदमी को EVM पर विश्वास नहीं है.
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