Madhya Pradesh Hindi News: खंडवा जिले को मिले जल संरक्षण अवॉर्ड (Water Conservation Award) को लेकर विगत दिनों से लगातार सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर अवॉर्ड से जुड़े दावों को लेकर तरह–तरह की पोस्ट वायरल हो रही हैं. इस मामले में अब कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि जहां भाजपा सरकार को हमारे बच्चों को AI का सदुपयोग सीखना था. वहीं, वह AI से भ्रष्टाचार कर रही है. इधर अब पूरे मामले में जिला प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए स्थिति स्पष्ट कर आरोपों को गलत बताया है.
"भ्रष्टाचार भी स्मार्ट हो गया"
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ट्वीट कर लिखा "जहां भाजपा सरकार को हमारे बच्चों को AI का सदुपयोग सिखाना चाहिए, वहीं, वह खुद AI से भ्रष्टाचार कर रही है. खंडवा में भाजपा सरकार के अधिकारियों ने जल संरक्षण के नाम पर दो फीट के गड्ढों को AI से कुआं बना दिया और पूरे क्षेत्र में तरह-तरह के विकास कार्यों की AI से बनाई गई तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड कर दीं. इन्हीं तस्वीरों के आधार पर राष्ट्रपति से पुरस्कार भी ले लिया गया.
जब जमीनी हकीकत सामने आई तो वहां खेत और खाली मैदान निकले. साफ है कि यह जल संरक्षण नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी से बनाई गई तस्वीरों का खेल था. भाजपा राज में भ्रष्टाचार भी स्मार्ट हो गया.
जिला प्रशासन ने मामले पर दी सफाई
इधर, मामले में खंडवा जिला पंचायत के सीईओ डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने सफाई देते हुए बताया कि जिले को जल संचय जन भागीदारी (JSJB) कार्यक्रम के तहत देश में सर्वाधिक जल संरक्षण कार्यों के निर्माण के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. प्रशासन के मुताबिक, जल संचय जन भागीदारी कार्यक्रम के लिए एक अलग और समर्पित पोर्टल उपलब्ध है, जिस पर ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर गहन जांच के बाद केवल सत्यापित तस्वीरें ही अपलोड की गई थीं. प्रशासन ने बताया कि JSJB के अंतर्गत खंडवा जिले में 1 लाख 25 हजार से अधिक जल संरक्षण कार्य किए गए, जिसके आधार पर यह सम्मान प्रदान किया गया.
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एआई तस्वीरों का ये है मामला
जिला प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि केंद्र सरकार के जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (Catch the Rain) नामक एक अलग पोर्टल है, जिस पर जल संरक्षण से संबंधित आईईसी यानी शैक्षणिक और प्रेरणात्मक तस्वीरें अपलोड की जाती हैं. प्रशासन के संज्ञान में आया है कि CTR पोर्टल पर लगभग 20 एआई द्वारा निर्मित तस्वीरें अपलोड की गई थीं. प्रशासन का कहना है कि इन एआई जनित तस्वीरों को अपलोड करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और इसकी जांच जारी है. प्रशासन ने दो टूक कहा है कि CTR पोर्टल और JSJB पोर्टल दोनों पूरी तरह अलग हैं.
CTR पोर्टल पर अपलोड की गई शैक्षणिक तस्वीरों का JSJB पुरस्कार से कोई लेना–देना नहीं है और न ही इन्हें पुरस्कार के मूल्यांकन में शामिल किया गया था. जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर गंभीर आरोप लगाने से पहले तथ्यों की सही जानकारी अवश्य लें और भ्रामक खबरें फैलाने से बचें.
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