मध्य प्रदेश के खंडवा और उज्जैन में गुरुवार को दर्दनाक हादसा हो गया था, जहां कई बच्चों समेत 14 लोगों की मौत हो गई. दोनों हादसे तब हुए, जब लोग दुर्गा प्रतिमा विसर्जित करने जा रहे थे. हादसे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मृतकों के पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे, जहां उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी और मृतकों को पुष्पांजलि अर्पित की. सीएम ने कहा है कि वह घटना की जांच कराएंगे. साथ ही सीएम ने मृतकों के परिजनों मुआवजा राशि दी.
खंडवा में 11 लोगों की हुई मौत
जानकारी के अनुसार, दशहरे के दिन पंधाना थाना क्षेत्र के अर्दला और जामली गांव के 20-25 लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर नदी पर माता की प्रतिमा विसर्जन करने जा रहे थे. जब ट्रैक्टर एक पुलिया पर पहुंचा तो ट्रॉली पलटकर तालाब में गिर गई, जिससे उसमें सवार सभी लोग तालाब में गिर गए. इस दौरान कई बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई. बाकी लोगों को बचा लिया. रेस्क्यू अभियान के दौरान तालाब से देर रात तक शव निकाले गए.
ये हैं मृतक
मृतकों में शर्मिला (16), आरती (18), दिनेश (16), उर्मिला (16), गणेश (16), किरण (14), पातलीबाई (22), रेव सिंह (12), आयुष (10), संगीता (16), और चंदा (8) शामिल हैं.
उज्जैन में तीन बच्चों की मौत
उज्जैन में बड़नगर रोड स्थित नरसिंग पुल से ट्रैक्टर-ट्रॉली रेलिंग तोड़कर चंबल नदी में गिर गई थी. हादसे में ट्रैक्टर में सवार ग्राम पीर झालार निवासी तीन बच्चे पृथ्वीराज चौहान, वंश चौहान और शुभम चौहान की मौत हो गई. घटना से पूरे बड़नगर में शोक छाया हुआ है. घटना को देखते हुए शुक्रवार शाम सीएम मोहन यादव मृत बच्चों के घर पहुंची और पुष्पांजलि अर्पित कर शोक परिवार ढांढस बंधाया. उन्होंने घायलों के परजिनों से भी चर्चा कर इलाज का आश्वासन दिया.
ऐसे हुई थी घटना
शहर से करीब 35 किमी दूर बड़नगर रोड स्थित ग्राम पीर झालार के ग्रामीण नवरात्रि खत्म होने पर गुरुवार दोपहर ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर प्रतिमा विसर्जन करने नरसिंहा पुल पर गए थे. यहां 12 बच्चे ट्रैक्टर में ही बैठे थे. इस दौरान चाबी ट्रैक्टर में लगी देख किसी बच्चे ने स्टार्ट कर दिया, जिससे ट्रैक्टर पुल की रेलिंग तोड़ कर नदी में जा गिरा था. हादसे के बाद 7 बच्चों को ग्रामीणों ने निकाल लिया था. पांच घायल हो गए थे, जिनमें से तीन की मौत हो गई और दो का इलाज चल रहा है.
इतना मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव खंडवा और उज्जैन में मृतकों के घर जाकर परिवारों को सांत्वना दी. उन्होंने सभी पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख रुपये की राशि का चेक भी दिया. घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, "घटना बहुत ही हृदय विदारक है. इस दुख की घड़ी में मैं सभी पीड़ित परिवारों के साथ हूं. मैं उनका दुख साझा करने स्वयं यहां आया हूं. हमने सरकार की ओर से सभी मृतकों के परिवारों को मदद करने की कोशिश की है."
सीएम ने मृतकों के परिवार को चार लाख रुपये दिए हैं. साथ ही जो गंभीर घायल हैं उन्हें एक लाख रुपये और जो कम घायल हैं उन्हें 50-50 हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके अलावा जिन लोगों ने इस घटना में बचाने का काम किया है, उन्हें 26 जनवरी पर पुरस्कृत किया जाएगा. उन्हें इनाम में 51 हजार की राशि भी मिलेगी.
हादसे के बाद गमगीन दिखा पूरा गांव
गांव में एक-एक कार बच्चों और लोगों की अर्थी उठी तो पूरा गांव गमगीन दिखा. सभी का अंतिम संस्कार कराया गया. हादसे के बाद से गांव मातम पसरा हुआ है.
ग्रामीणों का आरोप- प्रशासनिक लापरवाही के चलते हुआ हादसा
इस दौरान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के सुरक्षा इंतजामों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वहां इंतजाम नाकाफी थे. इसके पूर्व भी उसी स्थान पर एक मां-बेटी के साथ इसी तरह का हादसा हो चुका है. ग्रामीणों का आरोप है कि विसर्जन स्थल पर प्रशासन के द्वारा कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. घटना के बाद भी जानकारी देने के बाद प्रशासनिक हमला बहुत लेट पहुंचा तब तक ग्रामीणों ने ही 11 शवों को बाहर निकल लिया था. वहीं, अन्य लोगों को भी बचा लिया था. अगर समय पर मदद मिल जाती तो शायद और भी लोगों को बचाया जा सकता था.
कैबिनेट मंत्री विजय साह भी मिले
वहीं, पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने पीड़ित परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. साथ ही मंत्री ने जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए डॉक्टरों से चर्चा कर बेहतर इलाज के लिए हेलिकॉप्टर के जरिए इंदौर भेजने को लेकर भी बात की. हालांकि डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल तीनों घायल स्थिर हालत में हैं, जिसके बाद मंत्री शाह दूर दराज के अंचल में मृतकों के घर पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे.
जीतू पटवारी का हमला
खंडवा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण पिछले कई वर्षों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. ग्यारह लोगों की जान जाने के बाद अगर सड़क बनाई जा रही है तो यह सरकार और सिस्टम की असंवेदनशीलता को दर्शाता है. पटवारी ने मृतकों के परिजनों को पर्याप्त आर्थिक सहायता और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की.