Children Death By Cough Syrup: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले सिरप से जान गंवाने वाली बच्ची का पोस्टमार्टम किया जाएगा. यह पहला मामला है, जिसमें बच्ची का पोस्ट मार्टम होगा. इससे पहले किसी बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं किया गया था. इस मामले पर छिंदवाड़ा एडीएम धीरेंद्र सिंह ने कहा कि आज 2 साल की बच्ची योगिता ठाकरे का करवाया जा रहा है. एडीएम ने कहा कि परिजनों की मांग पर पीएम करवाया जा रहा है. वहीं, कथित आरोपी डॉ. पुलिस की कस्टडी में है. इसके साथ ही अब पुलिस आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. अभी तक जहरीली सिरप से कुल 14 बच्चों की मौत हो चुकी है.
कब्र से निकाल कर किया जाएगा पोस्टमार्टम
छिंदवाड़ा में लगातार हो रही बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने अब एक बच्ची के पोस्ट मार्टम करने का फैसला लिया है. दरअसल, दो वर्षीय योगिता ठाकरे की शनिवार को नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद योगिता ठाकरे के शव को परिजनों दफन कर दिया था. दफ़न किए हुए शव को रविवार को प्रशासन की मौजूदगी में कब्र से निकाला गया. अब छिंदवाड़ा के जिला अस्पताल में इस बच्ची के शव का पीएम कराया जाएगा.
कांग्रेस विधायक सोहन ने उठाई थी मांग
कांग्रेस विधायक सोहन वाल्मीकि पिछले कई दिनों से प्रशासन से पोस्टमार्टम की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि लगातार हो रही मौतों के बात प्रशासन से मांग की थी. अब जाकर पोस्टमार्टम किया जा रहा है. सोहन वाल्मीकि ने कहा कि शनिवार को इस बच्ची का शव दफन कर दिया गया था. अब शव को बाहर निकाल कर पोस्ट मार्टम कराया जा रहा है.
जीतू पटवारी जाएंगे छिंदवाड़ा
इस पूरे मामले पर अब राजनीति भी गरमाने लगी है. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी सोमवार को छिंदवाड़ा जाएंगे. भोपाल से वे सीधे छिंदवाड़ा के परसिया जाएंगे. यहां वे मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात करेंगे. उसके बाद जीतू पटवारी छिंदवाड़ा जाएंगे. इस दौरान वे छिंदवाड़ा कलेक्टर से भी मुलाकात करेंगे. बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह करीब 10.30 बजे पटवारी परसिया पहुंचेंगे.
बड़ा सवाल ड्रग्स कंट्रोलर कहां हैं?
इस मामले में दवा लिखने वाले डॉक्टर और सप्लायर के खिलाफ कार्रवाई तो हो रही है. लेकिन, ड्रग्स कंट्रोलर के नाम की चर्चा तक नहीं हो रही है. ऐसे में सवाल पैदा होता है कि अगर डॉक्टर ने कोई दवाई लिखी है, तो इसमें उसका क्या दोष है. जो दवा मार्केट में है या अस्पतालों में सप्लाई हुई है, तो डॉक्टर तो वहीं लिखेंगे. ऐसे में बड़ा सवाल ये पैदा होता है कि जब जहरीली कफ सिरप बाजार में बेची जा रही थी या अस्पतालों में सप्लाई हो रही थी, तो ड्रग्स कंट्रोलर कहा था? क्या उनकी कोई भूमिका नहीं बनती है?
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