सीएम यादव ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर लगाया प्रतिबंध, मृतक बच्चों के परिजनों को दिए जाएंगे 4-4 लाख रुपये

Children Death in Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में इस सिरप के कारण जिन 11 बच्चों की मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. सीएम यादव ने इसके साथ ये भी ऐलान किया है कि इलाज करा रहे बच्चों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

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 Coldrif Syrup News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कप सिरप के कारण बच्चों की हुई मृत्यु अत्यंत दुखद है. कोल्ड्रिफ कप सिरप की जांच रिपोर्ट आने पर मध्य प्रदेश में इस सिरप की बिक्री को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया. प्रदेश में अभियान के तौर पर छापामारी कर कोल्ड्रिफ सिरप को जप्त किया जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में इस सिरप के कारण जिन 11 बच्चों की मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी.

सीएम यादव ने इसके साथ ये भी ऐलान किया है कि इलाज करा रहे बच्चों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा की घटना संज्ञान में आने पर कोल्ड्रिफ सिरप ( Coldrif Syrup) के सैम्पल जांच के लिए भेज गये थे. उन्होंने कहा कि शनिवार की सुबह जो जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई उसमें जांच के नमूने अमान्य पाए गए. इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य स्तर पर भी इस मामले में संयुक्त जांच टीम बनाई गई है. रिपोर्ट में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.

जांच में मिली 48.6% डाई एथिलीन ग्लाइकॉल

जांच रिपोर्ट के बाद तमिलनाडु के औषधि नियंत्रक की ओर से कोल्ड्रिफ सिरप को “नॉट ऑफ स्टैण्डर्ड क्वालिटी(एनएसक्यू)” घोषित किया गया है. शासकीय औषधि विश्लेषक, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चेन्नई के परीक्षण अनुसार इस सिरप में डाई एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 48.6% पाई गई, जो एक जहरीला तत्व है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है. जिला छिंदवाड़ा से बच्चों की मौत की घटनाओं की पृष्ठभूमि में इस औषधि की संदिग्ध भूमिका को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में कठोर कदम उठाए गए हैं.

जारी किए गए ये निर्देश

नियंत्रक खाद्य और औषधि प्रशासन डॉ.दिनेश कुमार मौर्य ने प्रदेश के समस्त वरिष्ठ औषधि निरीक्षक और औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि उस दवा की बिक्री और वितरण तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए. यदि यह दवा उपलब्ध हो, तो इसे तुरंत सील कर लिया जाए और नष्ट नहीं किया जाए. जैसा कि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियमों में प्रावधान है. संबंधित औषधि के नमूने जमा कर परीक्षण के लिए सरकारी औषधि प्रयोगशालाओं को भेजे जाएं. कोल्ड्रिफ सिरप के अन्य बैचेस भी यदि उपलब्ध हों तो उन्हें भी सील कर नमूने परीक्षण हेतु भेजे जाएं. जनहित को देखते हुए मेसर्स स्रेसन (Sresan) फार्मास्यूटिकल की ओर से निर्मित सभी अन्य दवाइयों की बिक्री और उपयोग भी तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है और इनके नमूने कानूनी परीक्षण के लिए संकलित किए जा रहे हैं.साथ ही प्रदेश में इस दवा की आवाजाही पर सख्त निगरानी के निर्देश दे दिए गए हैं.

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50-50 लाख रुपये का मुआवजा दे सरकारः कमलनाथ

मध्य प्रदेश में जहरीले सिरप से 11 बच्चों की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने शनिवार को शोक व्यक्त किया. उन्होंने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि ज़हरीला कफ सिरप पीने से अब तक छिंदवाड़ा में 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. दुख की इस घड़ी में मेरी भावनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. लेकिन यह याद रखना होगा कि यह महज़ दुर्घटना नहीं, बल्कि मानव निर्मित त्रासदी है. मैं मध्य प्रदेश सरकार से मांग करता हूं कि एक-एक मृत बच्चे के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाए. इसके आगे उन्होंने लिखा, जो बच्चे अब भी अस्वस्थ हैं, उनके बारे में जानकारी मिल रही है कि इलाज का ख़र्च वे अपने पास से उठा रहे हैं और सरकार की ओर से कोई उचित सहायता नहीं मिली है. मध्य प्रदेश सरकार से आग्रह है कि सभी बीमार बच्चों के उपचार का पूरा ख़र्च सरकार उठाए. सरकार को इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि प्रदेश में किस तरह की दवाओं की बिक्री हो रही है. नक़ली और ज़हरीली दवाओं के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की ज़रूरत है, ताकि प्रदेश में इस तरह की त्रासदी दोबारा देखने को न मिले.