मध्य प्रदेश के जंगल में छोड़ा गया चीता राजस्थान में घुसा, बेहोश कर वापस कुनो लाया गया

भारत में 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद चीतों को भारत में फिर से बसाने की परियोजना के तहत, पिछले साल 17 सितंबर को आठ नामीबियाई चीतों को कूनो के बाड़ों में छोड़ा गया था. जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे.

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मध्य प्रदेश के जंगल में छोड़ा गया चीता राजस्थान में घुसा (सांकेतिक फोटो)

Kuno National Park: मध्य प्रदेश के श्योपुर (Sheopur) के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) में हाल ही में छोड़ा गया चीता राजस्थान (Rajasthan) के बारां जिले की सीमा में घुस गया, जिसके बाद उसे बेहोश कर वापस लाया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. अधिकारी ने बताया कि मादा चीता, अग्नि को रविवार को पारोंड वन रेंज में वायु नामक एक अन्य चीते के साथ जंगल में छोड़ा गया था.

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बेहोश कर वापस लाया गया चीता

यह रेंज कुनो राष्ट्रीय उद्यान के अहेरा पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा है. कुनो वन प्रभाग के अधिकारी ने बताया, 'अग्नि पड़ोसी राज्य राजस्थान के बारां जिले के जंगल में पहुंच गया. मादा चीता को सोमवार को बेहोश किया गया और कुनो राष्ट्रीय उद्यान वापस लाया गया. इसे एक बाड़े में स्थानांतरित किया जा रहा है.'

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भारत में दोबारा बसाए जा रहे चीते

सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीतों को यहां लाया गया था, जबकि इस साल फरवरी में 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था. इस साल मार्च में चार शावकों का जन्म हुआ. इस साल मार्च से अब तक तीन शावकों समेत नौ चीतों की मौत हो चुकी है. बाकी 15 चीते अगस्त से 'बोमास' (विशेष बाड़े) में हैं. अब तक चार चीतों को जंगल में छोड़ा जा चुका है, जिससे पर्यटक उनका दीदार कर सकते हैं.

भारत में 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद चीतों को भारत में फिर से बसाने की परियोजना के तहत, पिछले साल 17 सितंबर को आठ नामीबियाई चीतों को कूनो के बाड़ों में छोड़ा गया था. जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे.

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