Digital License for Pilots: जबलपुर की बेटी इशिता ने छुआ आसमान! EPL हासिल करने वाली भारत की पहली पायलट बनीं

Electronic Personnel License for Pilots: केंद्रीय मंत्री ने कहा, "भारत के विमानन क्षेत्र की अभूतपूर्व वृद्धि के साथ हमें निकट भविष्य में लगभग 20,000 पायलटों की आवश्यकता होगी. पायलट नागर विमानन का आधार हैं और ईजीसीए और ईपीएल के साथ हम वैश्विक स्तर पर उनके आराम और रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए अभिनव, प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों का लाभ उठा रहे हैं, साथ ही सुरक्षा संचालन का समर्थन करने के लिए उनके क्रेडेंशियल्स तक वास्तविक समय में पहुँच प्रदान कर रहे हैं."

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Electronic Personnel License (EPL): जबलपुर की बेटी इशिता को मिला देश का पहला EPL

Electronic Personnel License: केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने 20 फरवरी को पायलटों के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार्मिक लाइसेंस (EPL) का शुभारंभ किया, जो भारत के नागर विमानन क्षेत्र की सलामती, सुरक्षा, और दक्षता को आधुनिक बनाने और बेहतर बनाने के लिए एक अभूतपूर्व पहल है. इस प्रगति के साथ भारत अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन से अनुमोदन के बाद इस उन्नत प्रणाली को लागू करने वाला विश्व का दूसरा देश बन गया है. वहीं जबलपुर की 22 वर्षीय इशिता भार्गव इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल लाइसेंस हासिल करने वाली भारत की पहली पायलट बन गई है.

EPL का क्या है?

ईपीएल पारंपरिक भौतिक लाइसेंस का डिजिटल संस्करण है, जिसे मोबाइल ऐप के जरिए प्राप्त किया जा सकेगा. इसके लागू करने से पहले, डीजीसीए पायलटों को स्मार्ट कार्ड प्रारूप में लाइसेंस जारी कर रहा था और अब तक 62000 कार्ड लाइसेंस जारी कर चुका है. वर्ष 2024 में जारी किए जाने वाले कुल लाइसेंसों में मुद्रित कार्ड की आवश्यकता लगभग 20,000 थी, जो प्रति माह औसतन 1,667 कार्ड है. ईपीएल के शुभारंभ के साथ, मुद्रित कार्डों की जरूरत चरणबद्ध तरीके से कम हो जाएगी, जिससे लाइसेंसिंग प्रक्रिया काफी हद तक सुव्यवस्थित हो जाएगी. इसके अलावा, इस बदलाव का कागज और प्लास्टिक के उपयोग को कम करके पर्यावरणीय स्थिरता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

Advertisement

कौन हैं इशिता?

जबलपुर निवासी इशिता भार्गव को नायडू की उपस्थिति में नयी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में ईपीएल प्राप्त हुआ है. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी,अमेठी से प्रशिक्षण लेकर पायलट बनने तक के सपने को साकार किया है. इशिता का चयन साल 2021 में अकादमी में हुआ था, जहां उन्होंने तीन सालों तक विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण लिया. कुल 200 घंटे के उड़ान के अनुभव के बाद उन्होंने पायलट बनने का सपना पूरा किया. उनकी यह उपलब्धि जबलपुर और पूरे महाकौशल क्षेत्र के लिए गौरव का विषय बन गई है. इशिता ने बताया कि उनके पायलट बनने के सफर में माता-पिता ने हर कदम पर उनका साथ दिया. परिवार ने उनके सपने को हमेशा प्रोत्साहित किया और उनकी मेहनत को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. 

Advertisement

MP में डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन जारी! अमानक दवाओं की जलाई सांकेतिक होली, जानिए क्या है मामला?

इशिता के पिता रजत भार्गव ने कहा कि इशिता ने दिसंबर में उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आईजीआरयूए) में अपना वाणिज्यिक पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा किया. रजत ने कहा कि ईपीएल में एक व्यक्तिगत वाणिज्यिक पायलट के उड़ान का रिकॉर्ड होता है.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ईपीएल कार्मिक लाइसेंस का एक डिजिटल संस्करण है जो पायलट के लिए पारंपरिक भौतिक लाइसेंस की जगह लेगा. यह ईजीसीए मोबाइल ऐप के माध्यम से सुरक्षित रूप से सुलभ होगा, जो भारत सरकार की ‘व्यापार सुगमता' और ‘डिजिटल इंडिया' जैसी पहलों के अनुरूप एक सहज और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा.''

Advertisement

यह भी पढ़ें : Jabalpur की बेटी Ishita Bhargava बनी Pilot, संघर्ष की कहानी कर देगी हैरान | Inspirational Story | MP

यह भी पढ़ें : PM Kisan Yojana: 9.80 करोड़ किसानों के लिए खुशखबरी! PM मोदी इस दिन ट्रांसफर करेंगे सम्मान निधि की 19वीं किस्त

यह भी पढ़ें : Food Poisoning: जहरीली चाय! एक ही परिवार के 6 लोगों की तबियत बिगड़ी, 3 वर्षीय बच्ची की मौत, रिपोर्ट का इंतजार

यह भी पढ़ें : MP Laptop Yojana: 89710 प्रतिभाशाली स्टूडेंट को लैपटॉप! CM ने ट्रांसफर किए ₹224 करोड़, कहा-काक चेष्टा...