Burhanpur News: संपत्ति को लेकर वक्फ दरगाह कमेटी और नगर निगम में विवाद, तहसीलदार ने इंजीनियर को दिलाया कब्जा

Burhanpur News- मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक संपत्ति को लेकर नगर-निगम के प्राइवेट इंजीनियर और वक्फ दरगाह कमेटी (Waqf Dargah Committee) के बीच विवाद जारी है. इस मामले में अब तहसीलदार ने उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर प्राइवेट इंजीनियर को कब्जा दिलाया हालांकि इस फैसले से असंतुष्ट वक्फ दरगाह कमेटी ने सिविल कोर्ट जाने की बात कही. 

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Burhanpur News- मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक संपत्ति को लेकर नगर-निगम के प्राइवेट इंजीनियर और वक्फ दरगाह कमेटी (Waqf Dargah Committee) के बीच विवाद जारी है. इस मामले में अब तहसीलदार ने उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर प्राइवेट इंजीनियर को कब्जा दिलाया. हालांकि इस फैसले से असंतुष्ट वक्फ दरगाह कमेटी ने सिविल कोर्ट जाने की बात कही है. 

बुरहानपुर के प्राईम लोकेशन सिंधी बस्ती चौराहा पर एक संपत्ति है, जिसे लेकर इंजीनियर का कहना है कि उन्होंने यह संपत्ती नगर निगम से पट्टे पर ली थी. उसको पास की एक दरगाह कमेटी ने अपना बता कर इस पर अज्ञात तत्वों द्वारा तालाबंदी कराकर कब्जा कर लिया था. इंजीनियर ने इसके लिए नगर निगम और तहसीलदार से गुहार लगाई थी. 
अब तहसीलदार राम लाल पगारे ने पुलिस और नगर निगम अफसरों की मौजूदगी में संपत्ति से ताला तुडवाकर इंजीनियर को कब्जा दिलाया. उधर दरगाह कमेटी का कहना है कि यह संपत्ती दरगाह कमेटी की है. प्रशासन व नगर निगम प्रशासन ने दादागिरी करके इंजीनियर को कब्जा दिलाया है, जबकि इसका मामला तहसीलदार और एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन है. अब दरगाह कमेटी न्याय के लिए सिविल कोर्ट जाने की बात कह रही है. 

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इंजीनियर ने क्या कहा? 

निजी इंजीनियर सुधीर पारीक ने बताया कि यहां पर नगर निगम का चुंगी नाका था. चुंगी कर समाप्त होने पर नगर निगम से उन्होंने यह संपत्ति लीज पर ली थी और दो दुकानों का निर्माण कराया. इस बीच पारिवारिक कार्य से वे सूरत गए और लौटने पर उन्होंने देखा कि उनकी दुकान पर अज्ञात लोगों ने ताला लगाकर कब्जा कर लिया है. इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस, जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन से की.

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दरगाह कमेटी की ये है दलील

इस विवाद पर दरगाह कमेटी ने कहा कि नगर निगम को चुंगी नाका बनाने के लिए दरगाह कमेटी ने ही अपनी संपत्ति दी थी. जब नगर निगम को इस संपत्ति का कोई काम नहीं था तो संपत्ति को दरगाह कमेटी को लौटाना था, लेकिन नगर निगम ने इसे नीलाम करके पट्टे पर दे दिया. इसके दस्तावेज उन्होंने तहसीलदार और एसडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं. दरगाह कमेटी के अध्यक्ष सैय्यद सागर अली ने इसे एकपक्षीय कार्रवाई करते करार दिया है. उन्होंने कहा कि अब दरगाह कमेटी न्याय के लिए सिविल कोर्ट में जाएगी. 

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क्या बोले तहसीलदार? 

तहसीलदार राम लाल पगारे का कहना है कि जांच में संपत्ति के तमाम दस्तावेज इंजीनियर सुधीर पारिक के पक्ष में है, लिहाजा उन्हें कब्जा दिलाया गया. दरगाह कमेटी कोर्ट में अपील करने के लिए स्वतंत्र है. 

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