Regional Industry Conclave Sagar: 27 सितम्बर को सागर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (Regional Industry Conclave) होने जा रहा है. इस कॉन्क्लेव को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा है कि क्षेत्रीय अंचलों में होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से निवेश में अभूतपूर्व सफलताएं मिली हैं. इससे क्षेत्र के विकास के साथ बड़ी संख्या में रोजगार (Employment) सृजन भी होगा. सीएम ने सागर (Sagar) को लेकर कहा कि इस कॉन्क्लेव से वीरों की धरती के रूप में विख्यात बुंदेलखंड (Bundelkhand) को एक नई पहचान मिलने के साथ औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी. सागर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने से पहले बुंदेलखंड क्षेत्र के उद्योगपतियों से चर्चा की गई. सभी ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये व्यापक पैमाने पर निवेश के लिये सहमति दी है. देश-विदेश के उद्योगपतियों ने कॉन्क्लेव में शामिल होने और निवेश के लिये रूचि दिखाई है.
कॉन्क्लेव से पहले हैकाथॉन
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के एक दिन पहले सागर में बुंदेलखंड हैकाथॉन-2024: यानी नए विचारों का उत्सव कार्यक्रम गुरुवार 26 सितंबर को जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी ग्राउंड, सागर में आयोजित होगा. एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPIDC) और IM Global की पहल पर, यह हैकाथॉन बुंदेलखंड में नए विचारों और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जा रहा है, इससे क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और विकास को गति मिलेगी. इस हैकाथॉन में 600 से अधिक स्टार्टअप ने प्रविष्टियाँ भेजी थी जिसमे से 60 सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप फाइनल में पहुंचे हैं.
मिलेंगे ये पुरस्कार
हैकाथॉन में प्रथम पुरस्कार: ₹1,51,000, द्वितीय पुरस्कार: ₹1,00,000 और तृतीय पुरस्कार: ₹71,000 होगा. इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ महिला उद्यमी को ₹1,00,000, सर्वश्रेष्ठ सोशल मीडिया क्रिएटर: ₹51,000 और विशेष आकर्षण के तौर पर देश के जाने-माने स्टार्टअप निवेशकों की सहभागिता होगी.
कॉन्क्लेव की तैयारी पूरी
सागर में होने वाले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के भव्य आयोजन में देश और विदेश के साढे चार हजार से अधिक उघमियों ने अभी तक पंजीयन कराया है. सागर संभाग के सभी जिलों में खनिज आधारित उद्योग, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, पीतल, पेट्रोकेमिकल, बीड़ी, फर्नीचर, इंजीनियरिंग वर्क्स, प्लास्टिक और पैकेजिंग जैसे उद्योगों में अपार संभावनाएं हैं. राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से इन उद्योगों में व्यापक निवेश की उम्मीद है, जो न केवल आर्थिक विकास को गति देंगे बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगे. राज्य सरकार ने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है. इस दिशा में सरकार द्वारा पूरे देश में रोड-शो एवं स्थानीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है.
सागर में पेट्रोकेमिकल
सागर जिले में 5 औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 440 एकड़ भूमि पर 206 औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत हैं. इन इकाइयों में लगभग 211 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 4789 लोगों को रोजगार मिल रहा है. प्रमुख परियोजनाओं में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा बीना स्थित रिफाइनरी में 15000 करोड़ रुपये का निवेश और 4000 लोगों को रोजगार शामिल है. इसके अतिरिक्त, रिफाइनरी के विस्तार और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स के निर्माण के लिए 49000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश प्रस्तावित है, जिससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
छतरपुर का MSME
छतरपुर जिले में 3 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जो 145 एकड़ भूमि पर स्थित हैं. यहाँ कुल 82 औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत हैं, जिनसे 19 करोड़ रुपये का निवेश और 560 लोगों को रोजगार मिला है. भविष्य में ग्राम ढढारी में 131 एकड़ भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा ग्राम दामची, नया गांव, पठापुर, और सिकारपुरा में भी नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास प्रस्तावित है, जिससे खाद्य प्रसंस्करण, खनिज आधारित उद्योग और इंजीनियरिंग वर्क्स जैसे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा.
टीकमगढ़ का फर्नीचर
टीकमगढ़ जिले में 4 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें कुल 32 औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत हैं. इनसे लगभग 12 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 358 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है. प्रमुख योजनाओं में बेल मेटल क्लस्टर और फर्नीचर क्लस्टर का निर्माण प्रस्तावित है. इसके अलावा, ग्राम सुनोरा खिरिया, कारी खास, और लिधौरा उगड़ में भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय उद्योगों को और अधिक विस्तार मिलेगा.
निवाड़ी में स्टील प्लांट
निवाड़ी जिले में 3 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें कुल 119 औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत हैं. यहाँ 135 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 1690 लोगों को रोजगार मिला है. महत्वपूर्ण परियोजनाओं में पैसिफिक मेटा स्टील्स द्वारा 1772 करोड़ रुपये के निवेश से इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, जिससे 1164 लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही, बबेड़ी जंगल और ग्राम जेर में नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है.
दमोह में सीमेंट
दमोह जिले में 3 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें कुल 53 औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत हैं. इनसे 16 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 210 लोगों को रोजगार मिला है. यहाँ मेसर्स जे.एस.डब्ल्यू सीमेंट द्वारा 3000 करोड़ रुपये के निवेश से सीमेंट प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी.
पन्ना का हीरा
पन्ना जिला, जो हीरे की धरती के रूप में जाना जाता है, औद्योगिक विकास की दिशा में भी अग्रसर है. जिले में 2 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें 20 औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत हैं. इनसे 46 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 178 लोगों को रोजगार मिला है. प्रमुख परियोजनाओं में अमानगंज में 2000 करोड़ रुपये के निवेश से सीमेंट प्लांट का निर्माण और डायमंड बिजनेस पार्क की स्थापना शामिल हैं.
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