टीकमगढ़ में बाजार जाना खतरे से खाली नहीं ! सांडों के आतंक से लोगों में डर

टीकमगढ़ के SDM ने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा ताकि लोग सुरक्षित रह सकें और परेशानी से बच सकें. लेकिन बावजूद इसके शहर के लोगों का कहना है कि बाजार जाना अब जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है.

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टीकमगढ़ में बाजार जाना खतरे से खाली नहीं ! सांडों के आतंक से लोगों में डर

MP News : टीकमगढ़ शहर में आवारा सांडों का आतंक इतना बढ़ गया है कि अब इसे सांडों का शहर कहना गलत नहीं होगा. हर दिन ये सांड 2-4 लोगों को घायल कर देते हैं. कई बार हालत इतनी गंभीर हो जाती है कि घायलों को झांसी और ग्वालियर के बड़े अस्पतालों में भेजना पड़ता है. शहर की महिलाएं और बच्चे इन आवारा सांडों से सुरक्षित नहीं हैं. लोग हमेशा डर के साए में जी रहे हैं लेकिन नगर पालिका इस समस्या को अनदेखा कर रही है. जानकारी के मुताबिक, टीकमगढ़ के बाजारों, चौराहों और मुख्य सड़कों पर सांडों का कब्जा है. जब ये सांड आपस में लड़ते हैं तो पूरा शहर थम जाता है. सांडों की आपस की लड़ाई के दौरान सड़के बंद जाती है.... क्योंकि बाजार में दौड़ते सांड गाड़ियां तोड़ देते हैं. इस बीच अगर कोई आदमी इन लड़ते हुए सांडों की चपेट में आ जाए तो सांड उसे कहीं का नहीं छोड़ते. दरअसल, ज़िले में इन सांडों के चलते कई लोग घायल हुए है. इनमें से कई लोगों के तो हाथ-पैर टूट चुके हैं.

कई लोगों के टूटे हाथ-पैर

सांडों के हमले में घायल लोग कई लोग आज भी बैसाखी के सहारे चलने को मजबूर हैं. लोगों ने अपनी समस्या NDTV को बताई. उनका कहना है कि नगर पालिका इन सांडों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. जिले के लोगों ने नगर पालिका के अध्यक्ष और CMO को जिम्मेदार ठहराया.

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क्या बोला प्रशासन ?

इसे लेकर जब नगर पालिका से बातचीत की गई तो अध्यक्ष ने कहा कि अगर जिला प्रशासन उन्हें जमीन आवंटित कर दे... तो वे इन सांडों को वहां ले जाकर रख सकते हैं. लेकिन अभी तक जिला प्रशासन ने जमीन नहीं दी है. जबकि नगर पालिका की CMO ज्योति सुनहरे और गीता मांझी कैमरे के सामने आने से बचती नजर आईं. इससे लोगों को लग रहा है कि नगर पालिका अपनी लापरवाही छिपाने की कोशिश कर रही है.

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SDM ने कहा- जल्दी किया जाएगा समाधान

इस समस्या पर टीकमगढ़ के SDM ने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा ताकि लोग सुरक्षित रह सकें और परेशानी से बच सकें. लेकिन बावजूद इसके शहर के लोगों का कहना है कि बाजार जाना अब जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है. कोई नहीं जानता कि कब पीछे से आकर कोई सांड हमला कर दे. ऐसे में लोग घर में रहना ही सही समझ रहे हैं.

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