धामनोद में BJP कार्यकर्ता से मारपीट मामले ने तूल पकड़ा, DGP और कलेक्टर से की कार्रवाई की मांग

इस मामले में बीजेपी नेता रामलाल यादव ने आबकारी अधिकारी मोहन भायल और शराब ठेके के कर्मचारी पर जानलेवा हमला, मारपीट, डकैती और फर्जी प्रकरण में फंसाने के गंभीर आरोप लगाए हैं.

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पिछले दिनों धार जिले के धामनोद में बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता के साथ मारपीट की गंभीर घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस घटना से धामनोद क्षेत्र के भाजपा नेताओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता रामलाल यादव ने आबकारी अधिकारी मोहन भायल और शराब ठेके के कर्मचारी पर जानलेवा हमला, मारपीट, डकैती और फर्जी प्रकरण में फंसाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने पुलिस महानिदेशक भोपाल से लेकर धार कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक तक को ज्ञापन सौंपा है.

रामलाल यादव ने अपने ज्ञापन में बताया कि 13 और 14 अगस्त 2025 की दरमियान रात 11 बजे धामनोद में उनके साथ बड़ी वारदात हुई. रामलाल का आरोप है कि धामनोद शराब ठेके का कर्मचारी अतुल सोलंकी करीब 30 से 32 दबंगों के साथ काले रंग की बोलेरो में आया और उनके साथ गाली-गलौज कर जानलेवा हमला किया.

कार में शराब रखवाकर फंसाया

रामलाल के मुताबिक, इस दौरान एक अज्ञात अधिकारी भी मौके पर पहुंचा, जिसने खुद को आबकारी विभाग से बताया. बाद में रामलाल ने उसकी पहचान मोहन भायल के रूप में की. आरोप है कि मोहन भायल ने न केवल उनके साथ मारपीट की, बल्कि उनकी कार में शराब की पेटियां रखवाकर फर्जी आबकारी प्रकरण बनाने की साजिश भी रची.

लोहे की रॉड और पाइप से किया हमला

रामलाल यादव का कहना है कि उनके साथ कमलेश यादव पर भी लोहे की रॉड और पाइप से हमला किया गया, जिससे दोनों को गंभीर चोटें आईं. यही नहीं, हमलावर उनकी हुंडई कार और मोबाइल फोन भी लूटकर ले गए.

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घटना के बाद स्थानीय लोगों की मदद से वे किसी तरह थाने पहुंचे और पुलिस को पूरी जानकारी दी. लेकिन अगले ही दिन हमलावरों ने मारपीट का वीडियो वायरल कर उनकी सामाजिक और राजनीतिक छवि खराब करने की कोशिश की.

फरार चल रहा आबकारी अधिकारी

रामलाल का आरोप है कि आबकारी अधिकारी मोहन भायल अब गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहा है. उन्होंने पुलिस महानिदेशक से मांग की है कि मोहन भायल और उसके साथियों को तुरंत गिरफ्तार कर निष्पक्ष जांच की जाए, क्योंकि आरोपी अधिकारी साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है.

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BJP कार्यकर्ता पर हुए हमले और आबकारी अधिकारी पर लगाए गए आरोपों ने प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. अब देखना होगा कि पुलिस कब तक इस मामले में कार्रवाई करती है और आरोपी मोहन भायल पर शिकंजा कस पाती है या नहीं.