Big Statement of Nitin Gadkari : प्राय: कई बार ऐसा देखा जाता है, सड़क हादसे में घायलों को देखने वालों की भीड़ तो रहती है, लेकिन जल्दी उन्हें अस्पताल पहुंचने वाले लोग बहुत ही कम होते हैं. लेकिन अब यदि आपके सामने ऐसी कोई घटना घटे, तो आप सड़क हादसे में घायल शख्स को जल्द अस्पताल ले जाइए. बिना किसी डर के मदद करिए. इसके बदले में आपको 25 हजार रुपये का इनाम मिलेगा. यह घोषणा बीते दिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की. बता दें, ये बात गडकरी ने एक इंटरव्यू के दौरान पुणे में कही है. अवसर था सड़क सुरक्षा अभियान कार्यक्रम का. इस बीच मंच पर गडकरी से सवाल कर रहे थे फिल्म अभिनेता अनुपम खेर.
गडकरी ने मांगा सबका साथ
सड़क सुरक्षा अभियान कार्यक्रम के दौरान अभिनेता अनुपम खेर ने नितिन गडकरी से सड़क हादसों को लेकर सवाल किया कि सरकार सड़क हादसों पर गंभीर क्यों नहीं है, यदि कोई बड़ी घटना घटती है, तो सरकार गंभीर हो जाती है, फिर वही रवैया हो जाता है. इस सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती है. इसमें समाज के हर एक वर्ग को सहयोग करना होगा. स्कूल, कॉलेज, NGO, सामाजिक कार्यकर्ता, नेता, अभिनेता और सेलिब्रेटी जब, सब आएंगे तब जाकर सुधार और बदलाव देखा जा सकता है.
'मौत के आंकड़े को कम करने के लिए मिलकर करें काम'
सड़क हादसे में हर दिन होने वाली 474 मौत के सवाल का जवाब देते हुए गडकरी कहते हैं, ये बेहद ही दुखद है, इतनी ज्यादा मौतें तो दंगे, कोविड या लड़ाई में नहीं होती है. इसमें अधिकतर जान गवाने वाले युवा होते हैं, जिनकी उम्र 18 से 34 साल तक होती है. सड़क हादसों में हो रही मौतों को कम करने के लिए हमें मिलकर सबको जागरूक करना होगा.
'अस्पतालों को भी सरकार ऐसे मामलों में देगी मदद'
सड़क हादसे में पीड़ित का इलाज करने वाली अस्पताल को भी सरकार मदद देगी. जैसे ही FIR दर्ज होगी, तो सरकार घायल के सात दिनों तक के इलाज के लिए कम से कम 1 एक लाख 50 हजार रुपये देगी. लेकिन इसके लिए जरूरी है, FIR का दर्ज होना.
'हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल करें तो कम होंगी मौतें'
नितिन गडकरी ने कहा कि लोग लापरवाही करते हैं, अधिकांश मामलों में. यदि लोग बाइक में हेलमेट और कार में सीट बेल्ट का प्रयोग करें,तो सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है. गडकरी ने साइरस पलोनजी मिस्त्री की मौत का उदाहरण भी दिया. कहा- अगर उनकी गाड़ी में पीछे भी सीट बेल्ट लगी होती, तो आज वो जिंदा होते.
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