Cervical Cancer In Gwalior: एक ताजा रिसर्च में खुलासा हुआ है कि ग्वालियर की महिलाओं में बच्चेदानी के मुख का यानी सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का खतरा तेजी से बढ़ा है. ग्वालियर स्थित जयारोग्य चिकित्सालय के कैंसर विभाग और कैंसर हॉस्पिटल एवं शोध संस्थान द्वारा संग्रह किए डाटा क़े विश्लेषण में यह बड़ा खुलासा हुआ है.
नन्हें ठग ने झूठी कहानी सुनाकर महिला को फंसाया, और नकली नोट देकर उड़ाए लाखों के गहने
क्या है सरवाईकल (गर्भाशय) का कैंसर?
गर्भाशय कैंसर एक वायरस क़े कारण होता हैं. जिसे हम ह्यूमन पेपीलोमा बोलते हैँ. यह शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय महिला के शरीर में इंजस्ट होता हैं. इसको सावधानी से रोका जा सकता है. इससे बचाव के लिए 21 वर्ष से अधिक उम्र की महिला को वीआइए जांच कराना चाहिए.
वैक्सीन निर्माण में पाई सफलता
गर्भाशय कैंसर के इलाज के लिए भारत में भी वैक्सीन बन गई है. कुछ राज्यों में ये वैक्सीन फ्री लगाई जा रही है. मध्य प्रदेश सरकार को भी इस बीमारी खत्म करने के लिए निःशुल्क वैक्सीन लगाने के लिए प्रोग्राम बनाना चाहिए. कैंसर हॉस्पिटल ग्वालियर की मेडिकल अंकोलॉजिस्ट डॉ. गुंजन श्रीवास्तव का कहना हैं कि महिलाओं मे कैंसर भयावह ढंग से फ़ैल रहा हैं.
Bird Flu:'बर्ड फ्लू' से दहशत में छत्तीसगढ़, रायगढ़ में आनन-फानन में 11000 चूजों और 4356 मुर्गियों को मारकर दफनाया गया
सरवाइकल कैंसर से कैसे करे बचाव?
डॉ गुंजन श्रीवास्तव ने बताया कि इसके लिए एक सरल टेस्ट हैं जो कि एक स्क्रीनिंग टेस्ट हैं यानी ज़ब महिला को कोई भी तकलीफ नहीं हो रही हैं ,तब भी 25 साल की उम्र क़े बाद पेप्सीलियर का टेस्ट करवाएं, जिसमे बच्चा दानी क़े लेयर से एक टीशु लिया जाता हैं. इसमे न कोई इंजेक्शन लगता हैं न कोई दर्द होता हैं. इससे यह बीमारी शुरू मे ही पकड़ आ जाती हैं
मौजूदा दौर में तेजी से फैल रही बीमारी
गर्भाशय कैंसर को लेकर शोध कर रही कैंसर हॉस्पिटल ग्वालियर की मेडिकल अंकोलॉजिस्ट डॉ. गुंजन श्रीवास्तव का कहना हैं कि इस समय महिलाओं में तेजी फैल रहा है, जिससे हर साल दस लाख बच्चे अनाथ हो रहे हैं, क्योंकि उनकी मां की कैसर से मृत्यु हो जाती हैं. चौकाने वाली बात यह है कि विश्वभऱ में सरवाईकल कैंसर तेजी से फैल रहा है.
ग्वालियर में हर रोज एक महिला शिकार हो रही है
डॉ श्रीवास्तव का कहना हैं कि दुनियाभर में इस बीमारी का फैलाव कम हैं, क्योंकि वहां इसे तत्काल पकड़ लिया जाता हैं और इलाज करके इस पर नियंत्रण हो जाता हैं, लेकिन हमारे यहां जागरूकता क़े अभाव में यह मौत की वजह बन रहा हैं. ग्वालियर अंचल मे ही लगभग हर रोज एक महिला इस बीमारी का शिकार हुई हैं.
वैक्सीन से 90% तक बीमारी पर नियंत्रण संभव
डॉ गुंजन बताती हैँ कि इस बीमारी से जुडी एक अच्छी खबर ये हैं कि इस बीमारी को रोकने क़े लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं. पहले यह बहुत मँहगी थी, लेकिन अब इसका देश में ही निर्माण शुरू होने से इसकी कीमत सिर्फ 1400 रुपए रह गई हैं. 9 से 12 साल की उम्र मे सिर्फ इसके दो दोज लगाने से इस बीमारी पर 90 फीसदी तक नियंत्रण किया जा सकता हैं.
Retirement Mubarak: अफसर की अनूठी विदाई, दुल्हा-दुल्हन बनाकर सीएमओ को कर्मचारियों ने कहा Goodbye!
कई देशों में निःशुल्क लगाई जाती है वैक्सीन
रिपोर्ट के मुताबिक अनेक देशों में सरवाईकल कैंसर की वैक्सीन निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं. यही वजह हैं कि भारत में भी इसे निःशुल्क उपलब्ध कराने क़े लिए मांग हो रही हैं. ग्वालियर मे महिलाओं क़े लिए सामाजिक काम करने वाली श्रीमती जाह्नवी रोहिरा भारत सरकार से मांग की है इसे मुफ्त किया जाए, क्योंकि गरीब महिलाएं नहीं खरीद सकतीं हैं.
चुपके से शरीर में घुसता है सरवाईकल कैंसर
मुरार की रहने वाली 50 साल की महिला को संबंध बनाते समय पानी के साथ खून आता था. पहले उन्होंने इसे नजरंदाज किया, लेकिन जब कमजोरी आने लगी तब वह दिखाने पहुंची, जांच में पता चला कि उन्हें तीसरी स्टेज का सर्वाइकल कैंसर है. वहीं,असमय ब्लीडिंग से परेशान महिला की ब्लीडिंग की जांच कराई तो सर्वाइकल कैंसर होने की पुष्टि हुई.