MP: अयोध्या की तर्ज पर विकसित होगा चित्रकूट, उज्जैन में महाकाल मंदिर तक रोपवे को मिली मंजूरी

Madhya Pradesh: अयोध्या की तर्ज पर चित्रकूट को विकसित किया जाएगा. इसके अलावा जबलपुर, उज्जैन और सागर में चार रोपवे बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है.

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भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की मोहन सरकार (Mohan Government) चित्रकूट (Chitrakoot) को अयोध्या (Ayodhya) की तर्ज पर विकसित करेगी. सीएम मोहन यादव ने ये फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में ली है. अयोध्या की तर्ज पर चित्रकूट को विकसित करने के अलावा जबलपुर, उज्जैन और सागर में चार रोपवे बनाने के प्रस्ताव को गुरुवार, 14 मार्च को मंजूरी दी है.

चित्रकूट को विकसित करने के लिए 20 करोड़ रुपये की दी गई मंजूरी

मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए राज्य के शहरी विकास व आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'चित्रकूट के लिए एक विकास प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए 20 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है.'

माना जाता है कि भगवान राम और सीता अपने वनवास के दौरान चित्रकूट में रुके थे ऐसे में हिंदुओं में इस जगह को लेकर काफी आस्था है.

सीएम ने ‘राम वन गमन मार्ग' के सभी स्थानों को विकसित करने का किया था ऐलान

बता दें कि मुख्यमंत्री यादव ने 16 जनवरी को कहा था, 'चित्रकूट को अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जाएगा.' उन्होंने कहा था, ‘राम वन गमन मार्ग' पर सभी स्थानों को एक संपूर्ण कार्य योजना के तहत विकसित किया जाएगा.'

विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने चार रोपवे स्थापित करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें एक उज्जैन स्टेशन से प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर तक भी शामिल है. चार रोपवे में दो जबलपुर में और एक-एक-एक उज्जैन और सागर में स्थापित किए जाएंगे. इन्हें राज्य का लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (NHLML) द्वारा संयुक्त रूप से बनाया जाएगा.

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बैठक में मुख्यमंत्री यादव ने कहा, '13 मार्च को 90 दिन पूरे करने वाली उनकी सरकार ने महत्वपूर्ण वित्तीय विकास किया है और कोई भी कल्याणकारी योजना नहीं छोड़ी गई है.'

विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन भुगतान करने की दी मंजूरी

वहीं मंत्रिमंडल ने विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार, पेंशन भुगतान को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी. साथ ही केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना के पहले और दूसरे चरण तहत होने वाले कार्यों के लिए 24,293 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने के लिए मंजूरी दी है.

बैठक में ‘मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना' का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना' करने का फैसला किया गया है. इस योजना के तहत किसानों को सौर कृषि पंप भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

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