Bhopal Ijtema 2024 : भोपाल इज्तिमा में बैन है ये सब, इतने सालों से जमातें दे रही हैं शांति का पैगाम

Bhopal Tablighi Ijtema: भोपाल में होने वाले सालाना तब्लीगी इज्तिमा में पहले दिन करीब 300 दूल्हों के निकाह होंगे. वहीं 2 दिसंबर को सामूहिक दुआ के साथ इज्तिमा का समापन होगा. लेक्टर ने नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य विभाग, पीएचई, फायर अमला, बिजली विभाग सहित अन्य विभागों के अफसरों को अपना-अपना काम समय पर करने की हिदायत भी दी है. आयोजन समिति के अनुसार, यह मुस्लिम धर्म का विश्व में सबसे बड़ा आयोजन होगा.

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Bhopal Tablighi Ijtema Ijtema 2024: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दुनिया का दुनिया के सबसे बड़े आलमी तब्लीगी इज्तिमा (Aalmi Tabligi Ijtima) का आयोजन हर साल किया जाता है. इस बार चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 से 12 लोग भोपाल के ईंटखेड़ी आएंगे. वहीं 30 हजार से ज्यादा जमातें देश-विदेश से यहां शिरकत करेंगी. इस बार कमेटी ने ग्रीन और क्लीन थीम में इसका आयोजन किया है. यहां सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी. 29 नवंबर से 2 दिसंबर तक चलने वाले इज्तिमा के लिए सभी पुख्ता तैयारियां हो चुकी हैं.

पहले जानिए इज्तिमा का मतलब क्या है? (What is Tablighi Ijtema)

इज़्तिमा शब्द अरबी भाषा से लिया गया है जिसका मतलब है 'इकट्ठा होना'. तब्लीगी इज़्तिमा एक धार्मिक सम्मेलन होता है, जिसमें लोग एक साथ इकट्ठा होकर प्रार्थना करते हैं, धर्म की बातें करते हैं व समाज में शांति का संदेश फैलाते हैं. यहां धर्म के उलेमा कुरान की शिक्षा, आदर्शों, और नबी मोहम्मद साहब की जीवनी के बारे में बताते हैं. इसके साथ ही आयोजन के आखिर में लोग एक साथ अल्लाह से दुनिया भर में अमन-शांति की दुआ करते हैं.

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भोपाल इज्तिमा का इतिहास (Bhopal Tablighi Ijtema History)

भारत में आलमी तब्लीगी इज़्तिमा की शुरुआत 1947 में भोपाल की शकूर मस्जिद में हुई थी. पहले इज्तिमा में महज 14 लोग जुटे थे. इस इज्तिमा की नींव मौलाना मिस्कीन साहब ने रखी थी. उसके बाद 1971 से इज्तिमा का आयोजन बड़े स्वरूप होने लगा तब इसे भोपाल की ताजुल मसाजिद शिफ्ट कर दिया गया. उसके बाद ताजुल मसाजिद परिसर में भोपाल इज्तिमा का आयोजन किया जाता रहा लेकिन बढ़ती भीड़ को देखते हुए इसका आयोजन भोपाल से सटे ईंटखेड़ी में किया जाने लगा. इस्लामी संगठन तब्लीगी जमात, लाखों मुसलमानों के सहयोग से इज़्तिमा आयोजित करता है.

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आलमी तब्लीगी इज्तिमा दुनिया के तीन देशों भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में होता है. कोरोना महामारी के चलते दो साल से यह कार्यक्रम नहीं हुआ था, लेकिन अब फिर बड़े स्तर पर कार्यक्रम किया जा रहा है.

इस बार कैसी है तैयारी?

इस बार आलमी तब्लीगी इज़्तिमा का आयोजन 600 एकड़ में होगा, 45 हजार वॉलं​टियर व्यवस्थाएं संभालेंगे, 300 एकड़ में वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था है. 45 कचरा गाड़ियां 3-4 फेरे करेंगी. जमातों और लोगों की एंट्री के लिए 4 गेट बने हैं. यहीं से निकासी भी होगी. हर गेट पर स्वागत टीम होगी, जो आने वालों के रजिस्ट्रेशन करेगी. 600 एकड़ में हो रहे इस आयोजन स्थल पर 80 एकड़ में वुजुखाने, टॉयलेट बने हैं। 500 चार्जिंग पॉइंट भी बनाए गए हैं. 

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मेडिकल इमरजेंसी के लिए 40 मेडिकल शिविर बनाए गए हैं. 10 एंबुलेंस और 2 बाइक एंबुलेंस लगाई गई हैं. इनके लिए 4 इमरजेंसी कॉरिडोर बनाए गए हैं. भीड़ को देखते हुए 120 एकड़ में 4 बड़े और 80 छोटे फूड जोन बने हैं.

यहां लोगों के खाने और पानी के लिए स्टाल लगाए गए हैं, जहां किफायती दरों पर लोगों को खानपान सामग्री मिलेगी. वहीं बाजार में 20 रुपये में मिलने वाली एक लीटर पानी की बोतल भी यहां जमातियों को केवल 6 रुपये में मिलेगी. इज्तिमा परिसर में तंबाकू उत्पादों पर भी रोक लगा दी है. यानि न तो यहां आसपास तंबाकू से संबंधित सामग्री का विक्रय होगा और न ही कोई इसे इस्तेमाल करेगा.

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