मौसम वैज्ञानिकों दे दी बड़ी खुशखबरी, इस तारीख को MP में मानसून देगा दस्तक, औसत से ज्यादा बारिश भी होगी  

Weather News: केरल में प्रवेश के बाद मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ता है और मध्य जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है.  13 मई को मानसून का आगमन दक्षिण अंडमान सागर में हो जाएगा.इस बार मध्य प्रदेश में मानसून जल्दी दस्तक देगा. 

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Monsoon In Mahya Pradesh: मध्य प्रदेश में इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने तय समय यानी कि 15 जून पर प्रदेश में पूर्वी क्षेत्र से दस्तक दे सकता है. प्रवेश करने के पांच दिन में मानसून के पूरे प्रदेश में छा जाने की भी संभावना जताई गई है. मौसम वैज्ञानिकों ने मध्य प्रदेश में मानसून की वर्षा सामान्य से अधिक होने की भी उम्मीद जताई है. बता दें कि पिछले वर्ष प्रदेश में मानसून छह दिन की देरी से 21 जून को आया था.इस बार मई में हुई झमाझम बारिश के चलते प्रदेश में प्री मानसून का कोटा भी पूरा हो चुका है.  

मौसम विभाग ने इस बार देश में मानसून का प्रवेश चार दिन पहले यानी 27 मई तक होने का अनुमान लगाया है. इस हिसाब से 15 से 18 दिन में मानसून के मप्र में प्रवेश करने के आसार हैं. प्रदेश में मानसून आने की सामान्य तारीख 15 जून है. हालांकि पिछले कुछ वर्षों से मानसून की प्रदेश में एंट्री 18 जून के बाद ही हुई है.

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 मौसम विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि यदि देश में मानसून जल्दी आता है तो मध्यप्रदेश में भी समय पर आने की संभावनाएं हैं. आपको बता दें कि पिछले वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 21 जून को मध्यप्रदेश के पांर्दुना, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में प्रवेश किया था. इस बार भी इन्हीं जिलों से मानसून के प्रवेश की संभावना बताई जा रही है.

भारतीय अर्थव्यवस्था और किसानों के लिए अच्छी खबर है कि इस बार मानसून का इंतजार लंबा नहीं करना पड़ेगा.  मौसम विभाग के अनुसार केरल के तटवर्ती हिस्से में दक्षिण-पश्चिम मानसून का प्रवेश 27 मई को हो सकता है, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन दिन पहले है.पिछले वर्ष केरल में मानसून का आगमन 30 मई को हुआ था. 13 मई को अंडमान से निकला मानसून 27 तक केरल और 16 जून तक मध्यप्रदेश में दस्तक देगा.

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105 प्रतिशत बारिश होने का भी अनुमान

मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के अनुसार इसमें अधिकतम चार दिन इधर-उधर हो सकता है. इस बार औसत से 105 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है. जून से सितंबर के बीच मानसून के दौरान देश भर में वर्षा की स्थिति का ब्योरा पहले ही दे दिया गया है.केरल में प्रवेश के बाद मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ता है और मध्य जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है.  13 मई को मानसून का आगमन दक्षिण अंडमान सागर में हो जाएगा. उसके बाद स्थितियां अगर अनुकूल रही तो अगले चार-पांच दिनों में अरब सागर, दक्षिण बंगाल की खाड़ी एवं निकोबार के पूरे इलाके को कवर कर सकता है. सामान्य तौर पर 96 से 104 प्रतिशत के बीच की मानसूनी बारिश को सामान्य माना जाता है. बहरहाल, हवाओं की दिशा और गति पर भी भी निर्भर करता है कि मानसून कब तक मध्यप्रदेश में आता है.

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