Bhopal Missing Girl Row: 6 वर्ष की बच्ची के अपहरण के बाद हत्या, पानी की टंकी में इस हाल में मिला शव

Bhopal Girl Found Dead in Water Tank: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 6 साल की मासूम के साथ दरिंदगी के मामले ने तूल पकड़ लिया है. जानिए- अब तक इस मामले क्या-क्या हुआ है?

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Bhopal Missing Girl Found Dead: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में बच्चियों के साथ हैवानियत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. 3 साल की बच्ची से स्कूल में अनाचार के बाद अब 6 साल की बच्ची के अपहरण के बाद कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है. राजधानी भोपाल में लोगों का आक्रोश चरम पर है. लोगों के गुस्सा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मामले की जांच की जिम्मेदारी एसआईटी को सौंप दी है.

72 घंटे बाद मिला शव

भोपाल के शाहजहांनाबाद इलाके में बच्ची के गायब होने की शिकायत के बाद से ही पुलिस हरकत में आ गई थी. बच्ची को बरामद करने के लिए  5 थानों के 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी डॉग स्क्वॉड के साथ ही ड्रोन से भी सर्चिंग अभियान चला रहे थे.

इस दौरान पुलिस ने 1000 फ्लैटों की तलाशी ली. बिल्डिंग में रहने वाले लोगों के घरों में वॉशिंग मशीन तक खोलकर खंगाल डाला. 72 घंटे बीतने का बाद जब पुलिस मासूम को ढूंढ निकाला, तब तक बच्ची मौत मुंह में समा चुकी थी. खास बात ये है कि जहां वो रहती थी, बच्ची का शव उसी बिल्डिंग के एक बंद फ्लैट में रखी पानी की टंकी से मिला है.

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पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें से एक मुख्य आरोप और दो महिलाएं हैं. मुख्य आरोपी की पहचान 35 वर्षीय अतुल नहाल के रूप में हुई है. इनमें से एक महिला मुख्य आरोपी की मां और एक बहन है. आरोप है कि इस घटना अंजाम देने और मामले को दबाने में इन दोनों मां-बेटी ने भी आरोपी का साथ दिया था. इन पर ये भी आरोप है कि इनको घटना की जानकारी थी, लेकिन पुलिस से छुपाती रही. 

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पुलिस पर फूटा लोगों का गुस्सा

इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है. नाराज़ लोग पूछ रहे हैं कि पुलिस बच्ची के घर के सामने वाले बंद फ्लैट को खोलकर देखने से क्यों चूक गई? इसके साथ ही नाराज़ लोगों ने भोपाल की सड़कों पर चक्का जाम करने के साथ ही थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया है. लोगों के आक्रेश को देखते हुए पुलिस थाने में अतिक्त बल बुलाया गया है. एसएएफ और क्यूआरएफ की भी तैनाती की गई है. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में पुलिस प्रशासन अक्षम हो गया है, पुलिस अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पा रही है.

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सरकार ने जांच के लिए गठित की एसआईटी

5 साल की मासूम के अपहरण और मौत के मामले में लोगों के विरोध को देखते हुए सरकार बैकफुट पर आ गई है. लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का ऐलान कर दिया है. इस एसआईटी में आधा दर्जन अधिकारियों को जगह दी गई है. अब एसआईटी हत्या के कारणों और घटना से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच करेगी. एडिशनल डीसीपी शालिनी दीक्षित समेत अन्य दूसरे अधिकारी एसआईटी में होंगे. 

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घटना पर राजनीति गरमाई

इस मामले को लेकर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इस घटना पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि  मध्य प्रदेश निशाचरों का प्रदेश बन चुका है. यहां अब बहन बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी बहन -बेटियों से मामा भांजी का रिश्ता बताते थे. मगर उनके राज में देश में सबसे ज्यादा बलात्कार होते थे, अब वही दुराचार की घटनाएं प्रतिदिन सामने आ रही है. मप्र में पुलिस प्रशासन अक्षम हो गया है, अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहा है.

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