Bhojshala: पिछले 65 दिनों से चल रहा है सर्वे, GPR मशीनों का हो रहा इस्तेमाल? हिंदू पक्ष ने किया यह दावा

Bhojshala Survey Update: एक मध्ययुगीन युग का स्मारक भोजशाला विवाद को लेकर MP हाई कोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. हिंदुओं का मानना है कि यह देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद कहता है.

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भोजशाला ( फाइल फोटो)
धार (मध्य प्रदेश):

Bhojshala Dispute: धार जिले में विवादित भोजशाला-कमल मौला मस्जिद परिसर का अदालत के आदेश के अनुरूप भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रही है, जिसमें ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) और जीपीएस मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. भोशाला परिसर में एएसआई का सर्वे पिछले 64 दिनों से चल रहा है.

एक मध्ययुगीन युग का स्मारक भोजशाला विवाद को लेकर MP हाई कोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. हिंदुओं का मानना है कि यह देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद कहता है.

भोजशाला परिसर में GPR मशीनों के इस्तेमाल का दावा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं में से एक महाराजा भोज सेवा समिति के सचिव गोपाल शर्मा ने दावा किया कि उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में वैज्ञानिक सर्वेक्षण के दौरान मशीनों के उपयोग के बारे में बात की थी. हालांकि परिसर में GPR मशीनों के इस्तेमाल संबंधी दावे पर एएसआई की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

धार पहुंची भोजशाला परिसर पर 'जीपीआर और जीपीएस मशीनें

दावा किया गया है कि शुक्रवार को भोजशाला परिसर पर 'जीपीआर और जीपीएस मशीनें धार पहुंचीं.  एएसआई टीम ने सर्वेक्षण के 65वें दिन मशीनों का उपयोग शुरू कर दिया, जीपीआर मशीन का उपयोग भोजशाला के गर्भगृह में सर्वेक्षण के लिए किया गया, जिसे सात अधिकारियों द्वारा संचालित किया गया था. संरचना पर हिंदू प्रतीक और संकेत पाए गए,

7 अप्रैल, 2003 को ASI द्वारा की गई एक व्यवस्था के तहत प्रति शुक्रवार दोपहर 1 से 3 बजे तक मुस्लिम पक्ष परिसर में नमाज अदा करते हैं। वहीं, हिंदू पक्ष के लोग मंगलवार को पूजा-पाठ करते हैं। 

काली पट्टी बांध मुस्लिम समुदाय ने परिसर में अदा की नमाज

उधर, शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने भोजशाला परिसर के कुछ हिस्सों में कथित खुदाई के विरोध में काली पट्टी बांधी और भोजशाला में नमाज अदा की. उन्होंने खुदाई को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन बताया. दरअसल, एक व्यवस्था के तहत प्रति शुक्रवार दोपहर 1 से 3 बजे तक मुस्लिम पक्ष व मंगलवार को हिंदू पक्ष परिसर में पूजा-पाठ करते हैं.

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