"मेरे साथ कुछ गलत हुआ तो कलेक्टर और SDM जिम्मेदार..." महिला तहसीलदार ने CM को पत्र लिख लगाए गंभीर आरोप

MP News: भिंड जिले की एक महिला तहसीलदार ने कलेक्टर और SDM पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके लिए सीएम को एक पत्र भी लिखा है. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है ?  

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तहसीलदार माला शर्मा

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के भिंड में महिला तहसीलदार माला शर्मा और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सालों से अपनी हक की लड़ाई लड़ रही माला शर्मा ने नई पदस्थापना को लेकर एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद की है. तहसीलदार माला शर्मा कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और गोहद के एसडीएम पर मानसिक रूप से प्रताड़ना के गंभीर आरोप एक बार फिर लगाए हैं. इस बार सीएम को भी पत्र लिखा है. 

लिखा है कि -अगर मानसिक प्रताड़ना के चलते मेरे साथ अगर कुछ गलत होता है तो इसकी जिम्मेदारी कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और गोहद एसडीएम पराग जैन की होगी.  

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पहले भी लगा चुकी हैं आरोप 

तहसीलदार ने आरोप लगाए थे कि बेशकीमती एक सरकारी जमीन गोहद एसडीएम पराग जैन ने अपने एक रिश्तेदार को बीच दी थी. जिसका विरोध करने पर तिलमिलाए दोनों अधिकारियों ने उन्हें प्रताड़ना देना शुरू कर दिया था. मेरे सारे अधिकारी छीन लिए. इतना ही नहीं मेरे ऊपर एफ़आईआर के आदेश तक दे दिए गए थे. जिसकी शिकायत माला शर्मा ने सीएम मोहन यादव से की है. 

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ये है मामला

दरअसल गोहद के मौ तहसील में रही तहसीलदार माला शर्मा और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव गोहद एसडीम पराग जैन के बीच विवाद तब शुरू हुआ, जब माला शर्मा ने करोड़ों की बेशकीमती जमीन दबंगों से छुड़ाकर सरकारी जमीन घोषित कर दी थी. तहसीलदार ने आरोप लगाया था कि गोहद एसडीम पराग जैन ने अपने एक रिश्तेदार प्रबोध जैन नामक शख्स से सांठ-गांठ कर खसरे में निजी भूमि दर्ज करा ली. जिसका माला शर्मा ने विरोध किया तो उनको मानसिक प्रताड़ना देना शुरू कर दिया.

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तहसीलदार ने एसडीएम पर भी आरोप लगाया है कि एसडीएम ने मुख्य सचिव अनुराग जैन को अपना रिश्तेदार बताकर धमकाया कि कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता. माला शर्मा का गोहद एसडीएम कार्यालय में अटैचमेंट कर दिया.

इसके बाद माला शर्मा ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने माला शर्मा के अटैचमेंट पर स्टे ऑर्डर दे दिया. माला शर्मा का कहना है कि उनका अटैचमेंट नियम विरुद्ध तरीके से किया गया था. क्योंकि अटैचमेंट करने का अधिकार एसडीएम को नहीं है. जिसको लेकर माला शर्मा ने कोर्ट की शरण ली थी. 

कलेक्टर ने छीन लिए मूल अधिकार

कोर्ट ने एसडीएम कोर्ट में तहसीलदार माला शर्मा के अटैचमेंट पर स्टे ऑर्डर दे दिया. कलेक्टर ने तहसीलदार को वापस मौ तहसील में पदस्थ कर दिया. लेकिन कलेक्टर ने उनके मूल अधिकार छीन लिए. इस दौरान मेडिकल अवकाश भी मांगा गया, लेकिन वह भी नहीं दिया. दोबारा तहसीलदार को लहार तहसील में स्थान्तरित कर दिया.

माला शर्मा का कहना कि लहार में पहले से ही तहसीलदार पदस्थ हैं. माला शर्मा का आरोप है कि जानबूझकर लहार में प्रभारी तहसीलदार के रूप में भेजा गया है. मुझे नायब तहसीलदार बनाकर मेरा डिमोशन कर दिया गया है.

तहसीलदार माला शर्मा ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर शिकायत की है. जिसमें कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और गोहद एसडीएम पराग जैन पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं. तहसीलदार ने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री की नीति महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा के साथ काम करने की रही है. जिले के दोनों अधिकारी ठीक इसके विपरीत महिला अधिकारी के स्वाभिमान और छवि को धूमिल करना चाहते है.तहसीलदार ने सीएम को लिखा है कि अगर मानसिक प्रताड़ना के चलते मेरे साथ अगर कुछ गलत होता है तो इसकी जिम्मेदारी कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और गोहद एसडीएम पराग जैन की होगी. इस संबंध में NDTV ने कलेक्टर और SDM का भी पक्ष जानने लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया. लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. 

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