विधायक के एक कॉल से दोबारा ड्यूटी पर लौटी नर्सें, दो मौतों से क्यों उलझ गया था मामला?

भिंड जिला अस्पताल में हुई दो नवजात बच्चों की मौत पर नर्सों पर कार्रवाई हुई थी. विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के हस्तक्षेप से मामला खत्म हो गया है. विधायक के एक फोन से अस्पताल में फिर से नर्सों की बहाली हो गई. 

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के भिंड (Bhind) जिले में दो नवजात बच्चों की इलाज के दौरान मौत को लेकर नर्सों को हटा दिया गया था. इस मामले में विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह (Narendra Singh Kushwah) के एक फोन कॉल ने नर्सों को दोबारा अस्पताल में बहाल कर दिया... विधायक ने अफसरों को फोन पर हड़काते हुए कहा, 'सारी नर्से हड़ताल पर चली जायेगी. काहे की जांच होती है. किस बात की जांच होती है.' इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. विधायक के इस फोन के बाद प्रशासन ने बिना जांच-पड़ताल किए ही नर्सों को बहाल कर पूरे मामले को रफा-दफा कर दिया है.

कैसे हुई थी दो मासूमों की मौत

पूरा मामला 22 सितंबर, रविवार की सुबह से शुरू हुआ था. दो अलग-अलग जगह की दो प्रसूताओं को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में प्रसूताओं की डिलिवरी के दौरान दोनों प्रसूताओं के नवजात बच्चों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद जिला अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ. परिजनों ने बच्चों की मौत का जिम्मेदार अस्पताल की नर्सों को ठहराया था. परिजनों ने स्टाफ की लापरवाही और रिश्वत के पांच हजार रुपए मांगने का आरोप लगाया था. इस घटना के बाद रात 8 बजे भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव जिला अस्पताल पहुंचे थे. जहां SNCU वार्ड के बंद कमरे में 2 घंटे तक पूरे मामले की छानबीन की गई. 

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कलेक्टर ने लिया था एक्शन

कलेक्टर ने लिया था बड़ा एक्शन

भिंड कलेक्टर ने लेबर रूम का निरीक्षण किया था. इसके साथ ही उन्होंने बारी-बारी से ड्यूटी पर तैनात रहने वाले स्टाफ नर्स को बुलाया और हर सदस्य से बातचीत की थी. इसके बाद प्रसूता के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में प्रथम दृष्टया उत्तरदायी नर्सिंग स्टाफ श्वेता ब्रम्हवंशी, वर्षा परते, पूनम धुर्वे और सीमा भारद्वाज को निलंबित कर दिया था. वहीं, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को नोटिस जारी किया था. इस घटना की हकीकत जानने के लिए भिंड कलेक्टर ने सीसीटीवी फुटेजों को भी देखा था. इन दोनों घटनाओं में भर्ती होने से लेकर हंगामा होने तक के फूटेज को देख साथी पुलिस जवान ने अटेंडर के साथ किए जाने वाले दुर्व्यवहार भी देखा. इस दौरान पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे.

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आंदोलन पर बैठ गई थीं नर्सें

कलेक्टर की इस कार्रवाई से नाराज जिला अस्पताल की सभी स्टाफ नर्सें दूसरे दिन 23 सितंबर की सुबह भिंड के बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के पास पहुंची. जहां नर्सों ने अपनी पीड़ा बताकर खुद को निर्दोष बताया. साथ ही, कलेक्टर पर आरोप लगाया. नर्सो ने कहा कि कलेक्टर कहते है कि नर्से प्रसूताओं के अटेंडरों से पैसों की मांग करती है. जिसके बाद बीजेपी के भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने सबसे पहले सिविल सर्जन को फोन लगाया. 

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विधायक नरेंद्र सिंह ने निपटाया मामला

विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने सिविल सर्जन को फोन मिलाकर कहा, 'सभी नर्सें हड़ताल पर चली जायेगी.' हड़काते हुए विधायक ने कहा, 'काहे की जांच होती है. किस बात की जांच होती है.' विधायक के इस फोन से कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव दोपहर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां चारो नर्सों को बुलाया गया और पीड़ित प्रसूता के पति प्रदीप मौर्य को भी बुलाया गया. बताया गया कि प्रदीप मौर्य रिश्वत मांगने के आरोपों से मुकर गया. जिसको लेकर सभी नर्सों को बहाल कर दिया गया. 

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