Toxic Cough Syrup Deaths: बैतूल जिले के आमला ब्लॉक में हुई दो मासूमों की मौत के मामले में आखिरकार प्रशासन ने स्वीकार कर लिया की बच्चों की मौत कफ सिरप से हुई है। पहले अधिकारियों मौत की वजह कफ सिरप को मानने से बच रहे थे। इसके बाद NDTV ने लगातार इस मुद्दे को उठाया। अब प्रशासन ने माना है कि बच्चों की मौत जहरीली कफ सिरप से हुई थी। साथ ही, प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए रिपोर्ट मुख्यमंत्री तक भेजी गई है।
यह मामला आमला ब्लॉक के दो गांवों से जुड़ा है। पहला मामला कलमेश्वरा निवासी कमलेश यादव के चार साल के बेटे का है, जिसकी 8 सितंबर को मौत हो गई थी। दूसरा मामला जामुन बिछवा गांव के निकलेश धुर्वे के डेढ़ साल के बेटे निहाल उर्फ गर्वित का है, जिसकी 1 अक्टूबर को जान चली गई। दोनों बच्चों का इलाज परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास हुआ था। रिपोर्ट में ये साफ हुआ कि दोनों बच्चों ने एक ही ब्रांड का कफ सिरप लिया था।
सरकारी रिकॉर्ड में नहीं थे दर्ज नाम
चौंकाने वाली बात यह रही कि इन दोनों बच्चों के नाम शुरू में सरकारी रिकॉर्ड में तो दर्ज हुए थे, लेकिन इसमें कफ सिरप का जिक्र नहीं था। कई बार परिजन और स्थानीय लोगों ने मामले को उठाया, लेकिन प्रशासन ने जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की। NDTV की रिपोर्ट के बाद जब मामले ने तूल पकड़ा, तब जाकर प्रशासन हरकत में आया और दोनों बच्चों की मौत का कारण कफ सिरप बताया।
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और बढ़ सकता हैं मामले!
अभी तक प्रशासन ने कफ सिरप के कारण सिर्फ दो बच्चों की मौत की पुष्टि की है, लेकिन हालात इससे कहीं गंभीर लग रहे हैं। टिकरी बर्रा गांव का हर्ष यदुवंशी इस वक्त जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। वहीं जमदेही कला की किंजल यादव को संदिग्ध मानते हुए भोपाल के हमीदिया अस्पताल भेजा गया है। जिले के कई गांवों में स्वास्थ्य टीम बच्चों की मेडिकल हिस्ट्री जांच रही है।
'बच्चों की मेडिकल हिस्ट्री खंगाल रहे'- सीएमएचओ
इस पूरे मामले पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मनोज हुरमाडे ने बताया कि अब तक चार बच्चों के इलाज की जानकारी मिली है। बाकी बच्चों की मेडिकल हिस्ट्री की जांच की जा रही है ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन पूरी सतर्कता से काम कर रहा है।