Betul Oil Mill: तेल मिल में संदिग्ध हालत में मिले थे दो कर्मचारी के शव, प्रशासन ने कराया परिजनों और प्रबंधन के बीच सुलह

Betul Protest: बैतूल ऑयल मिल के दो मृतकों के परिजन और मिल प्रबंधन के बीच प्रशासन ने सुलह कराई है. घटना के बाद कार्रवाई के लिए लोगों ने जाम लगा दिया था, जिसे खत्म कर दिया गया है. शवों के पोस्टमार्टम के लिए परिजन मान गए हैं. आइए आपको पूरे मामले की जानकारी देते हैं.

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ऑयल मिल के फिल्टर चेंबर में मिला था दो कर्मचारियों का शव

Betul News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल में बीते दिनों तेल मिल में हुए हादसे के बाद पूर्व कांग्रेस विधायक और उद्योगपति निलय विनोद डागा की बैतूल ऑयल मिल (Baitul Oil Mill) में दो कर्मचारियों की संदिग्ध मौत के बाद रविवार का पूरा दिन हंगामे से भरा हुआ रहा. इस मामले में दोनों कर्मचारी फिल्टर चेंबर (Filter Chamber Accident) में क्यों और कैसे गए, ये अब भी बड़ा सवाल बना हुआ है. वहीं, मृतकों के परिजनों और मिल कर्मियों ने भी मुआवजे और जांच की मांग को लेकर दो बार चक्काजाम किया है. बता दें कि मामले में 15-15 लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही जा रही थी.

दो कर्मचारियों की मौत के बाद ऑयल मिल के बाहर जमकर हुआ हंगामा

क्या है बैतूल ऑयल मिल का पूरा मामला?

बैतूल जिले की सबसे पुरानी और एकमात्र सोया ऑयल मिल, बैतूल ऑयल्स में शनिवार की रात दो कर्मचारी अचानक लापता हो गए. काफी देर तक ढूंढने के बाद कैलाश पानकर और दयाराम नरवरे नाम के दोनों कर्मचारियों के शव मिल के फिल्टर टैंक में बरामद हुए, जिससे हड़कंप मच गया. शवों को एसडीआरएफ ने बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए तो भेज दिया, लेकिन मृतकों के परिजनों और मिल कर्मचारियों ने उन्हें 15-15 लाख रुपये के मुआवजे और जांच की मांग को लेकर अस्पताल परिसर के बाहर सड़क पर चक्काजाम कर दिया. मिल प्रबंधन 10 लाख तक मुआवजा देने पर राजी था.

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ऑयल मिल के फिल्टर चेंबर में देर रात मिला था कर्मचारियों का शव

मिल के बॉयलर पर काम करते थे दोनों कर्मचारी

पूरा घटनाक्रम संदेह के घेरे में तब आया, जब मालूम हुआ कि मरने वाले दोनों कर्मचारी मिल के बॉयलर पर काम करते थे. लेकिन, घटना की रात उनके शव फिल्टर प्लांट में पाए गए. बिना सुरक्षा उपायों के दोनों कर्मचारी आखिर फिल्टर प्लांट में क्यों गए थे और किस वजह से उनकी मौत हुई, इसे लेकर मिल प्रबंधन के पास कोई जवाब नहीं है. पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच गहराई से करने में लगी हुई है.

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घटना में सामने आया बड़ा सवाल

बैतूल विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कॉंग्रेस विधायक और उद्योगपति निलय विनोद डागा घटना के समय बैतूल में मौजूद नहीं थे, लेकिन पुलिस प्रशासन लगातार उनके संपर्क में है. मिल प्रबंधन ने मृतकों के बच्चों की शिक्षा और भरणपोषण की जिम्मेदारी लेने का भी वादा किया है. लेकिन, घटना का सबसे अहम पक्ष ये है कि दोनों कर्मचारी फिल्टर टैंक में कैसे गिरे और वहां बिना सुरक्षा उपायों के वो खुद गए थे या उन्हें भेजा गया था. इस मामले की पुलिस जांच कर रही है.

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