Photo-Suryakant Yadav, Content- Ankit Swetav

कांकेर इलाके में नजर आया 'बघीरा', जानें-क्यों होता है इतना दुर्लभ

बचपन में लगभग हर किसी ने जंगल बुक देखी होगी और बघीरा के किरदार को जानता होगा, जो एक काला तेंदुआ ही था

छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कांकेर में एक बार फिर काला तेंदुआ दिखा है

काला तेंदुआ यानी ब्लैक पैंथर को राजनांदगांव के छुरिया नगर के पहाड़ी में स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर के पास देखा गया

बता दें कि ये काला तेंदुआ छाया में घुलमिल जाता है और अंधेरे वाले इलाकों में लगभग अदृश्य हो जाता है

इसका घना काला फर इसे चुपके से चलने और अपने शिकार पर रात में हमला करने को बढ़ावा देता है

तेंदुए, जगुआर और ओसेलोट्स जैसी बिल्लियों के काले रंग के वेरिएंट को विशेषज्ञ "मेलेनिज़्म" के नाम से जानते हैं

भारत जैसे देश में, खासकर छत्तीसगढ़ में ब्लैक पैंथर दिखना दु्र्लभ है क्योंकि ये इलाका उनके वातावरण को मैच नहीं करता

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