Galileo! जंगल का रक्षक, शिकारियों का काल; नौरादेही टाइगर रिजर्व में बेल्जियन स्निफर डॉग की ऐसी है धाक

Nauradehi Tiger Reserve: नौरादेही टाइगर रिजर्व के गैलीलियो की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर प्रतिबद्धता, प्रशिक्षण और भरोसे का सही तालमेल हो, तो एक जानवर भी जंगल की रक्षा में वीर सैनिक बन सकता है.

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Nauradehi Tiger Reserve: शिकारियों का काल गैलीलियो

Nauradehi Tiger Reserve: मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व-नौरादेही, जहां एक ओर घने जंगलों की हरियाली है, वहीं दूसरी ओर इन जंगलों में वन्यजीवों के दुश्मन भी हमेशा घात लगाकर बैठे रहते हैं. शिकारियों और वन्य तस्करों से भरे इन इलाकों में अब एक नाम ऐसा है जो इन अपराधियों में खौफ पैदा करता है-गैलीलियो. यह कोई आम डॉग नहीं, बल्कि बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल का एक प्रशिक्षित स्निफर डॉग है, जो आज नौरादेही टाइगर रिज़र्व की सुरक्षा का सबसे बड़ा प्रहरी बन चुका है. उसकी पैनी सूंघने की शक्ति और तेज़ गति ने उसे वन विभाग की सबसे भरोसेमंद ‘टीम' का हिस्सा बना दिया है. आइए जानते हैं इसकी कहानी.

Wildlife Sniffer Dogs: जंगल का प्रहरी

91+ अपराधियों को पकड़वाया, 51 से अधिक केस सुलझाया

डिप्टी डायरेक्टर डॉ ए ए अंसारी बताते हैं कि गैलीलियो अब तक 91 से ज्यादा वन्य अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में मदद कर चुका है और 51 से अधिक केस सुलझा चुका है. शिकारियों द्वारा लगाए गए फंदों को पहले ही खोज निकालना, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करना और घटनास्थल से मिले साक्ष्यों की गंध पहचानकर अपराधी तक पहुंचने में गैलीलियो की अहम भूमिका रही है.

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Wildlife Sniffer Dogs: गैलीलियो की कहानी

गैलीलियो की कहानी

गैलीलियो का जन्म 17 मार्च 2017 को हुआ था. प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद इसे मुरैना के चंबल घड़ियाल सेंचुरी में तैनात किया गया. वर्ष 2020 से यह नौरादेही टाइगर रिज़र्व में तैनात है, जहां इसने कई चर्चित मामलों को सुलझाने में वन विभाग की मदद की.

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चाहे वह दमोह में काले हिरण के शिकार का मामला हो या तेंदुए और भालू की तस्करी—हर बार गैलीलियो ने खुद को साबित किया है. इसके प्रशिक्षक प्रीतम अहिरवार का कहना है कि गैलीलियो न सिर्फ एक खोजी डॉग है, बल्कि यह जंगल की रक्षा में तैनात एक जिंदा चेतावनी है. उसकी उपस्थिति मात्र से शिकारी सतर्क हो जाते हैं.

गैलीलियो की क्षमता को तेज बनाए रखने के लिए उसे रोज़ नई-नई गंधों से परिचित कराया जाता है. यह प्रक्रिया उसकी पहचानने की क्षमता को और मजबूत बनाती है. प्रशिक्षक और गैलीलियो के बीच की टीम वर्क ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है. गैलीलियो हर आदेश को बगैर देरी के समझता है और उस पर तुरंत प्रतिक्रिया देता है.

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Wildlife Sniffer Dogs: शिकारियों का काल

जंगल के लिए वरदान

नौरादेही जैसे संवेदनशील टाइगर रिज़र्व में, जहां अक्सर तस्करों की गतिविधियां सक्रिय रहती हैं, वहां गैलीलियो जैसे खोजी डॉग का होना वन विभाग के लिए एक बड़ी राहत है. डॉ. अंसारी के अनुसार, “गैलीलियो कई बार ऐसे इलाकों में गश्त करता है, जहां इंसानों का जाना मुश्किल होता है. वह अपने दम पर वहां जाकर शिकारियों के जाल, फंदों और गतिविधियों का पता लगाता है.”

गैलीलियो की सक्रियता से अब वन्य तस्करी और अवैध शिकार की घटनाओं में स्पष्ट कमी आई है. वह वन्यजीवों की रक्षा के लिए एक चलती-फिरती चौकसी बन चुका है.

गैलीलियो का नाम सुनते ही कांप उठते हैं शिकारी

जिस जंगल में गैलीलियो गश्त करता है, वहां शिकारी अब कदम रखने से पहले कई बार सोचते हैं. उसका नाम ही अब एक डर बन गया है. प्रीतम अहिरवार बताते हैं, “गैलीलियो के आने के बाद से जंगल की सुरक्षा और मजबूत हुई है. वह न सिर्फ हमारी टीम का हिस्सा है, बल्कि पूरे जंगल का प्रहरी है.”

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