GST on Beef: बीफ पर बवाल जारी, GST पर VHP का विरोध, जानिए क्या हैं मांगें

GST on Beef: विहिप ने कहा कि जब राज्य सरकार गौ संरक्षण वर्ष मना रही है, तब इस तरह की अधिसूचना सरकार की नीतियों और घोषणाओं के विपरीत कदम है. इससे गौहत्या को अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहन मिलेगा और समाज में अशांति का वातावरण उत्पन्न होगा.

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GST on Beef: बीफ पर बवाल जारी, GST पर VHP का विरोध, जानिए क्या हैं मांगें

GST on Beef: मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी गजट नोटिफिकेशन को लेकर बवाल मचा हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा गोवंशीय पशुओं के मांस (Beef) पर जीएसटी (GST) शून्य करने और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अंतरराज्यीय परिवहन पर राज्य कर में छूट देने के फैसले ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. बीफ को करमुक्त घोषित करने के निर्णय का विरोध तेज हो गया है. विश्व हिन्दू परिषद बालाघाट इकाई ने जिला मुख्यालय में कलेक्टर को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपकर इस अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की. साथ ही सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का भी आरोप विहिप के द्वारा लगाए गए है.

VHP ने क्या कहा?

विश्व हिन्दू परिषद जिलाध्यक्ष यज्ञेश लालू चावड़ा ने बताया कि "18 सितंबर को राजपत्र में अधिसूचना क्रमांक 7 अध्याय उपशीर्षक टैरिफ / शीर्षक मद 0201 के अंतर्गत गोवंशीय पशुओं का मांस टैक्स फ्री घोषित किया गया है. यह निर्णय न केवल मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के विपरीत है, बल्कि जनभावनाओं, सामाजिक सौहार्द्र और हिन्दू समाज की आस्था को गहरी ठेस पहुंचाने वाला भी है."

राज्य सरकार मना रही गौ संरक्षण वर्ष

विहिप ने कहा कि जब राज्य सरकार गौ संरक्षण वर्ष मना रही है, तब इस तरह की अधिसूचना सरकार की नीतियों और घोषणाओं के विपरीत कदम है. इससे गौहत्या को अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहन मिलेगा और समाज में अशांति का वातावरण उत्पन्न होगा. आगे बताया कि सरकार के द्वारा दोहरी नीति अपनाई जा रही है, एक ओर सरंक्षण किया जा रहा है तो दूसरी ओर टैक्स फ्री किया जा रहा है, जो गलत है.

विहिप की प्रमुख मांगें

बीफ कर मुक्ति संबंधी अधिसूचना को तत्काल निरस्त किया जाए. गौ संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार गौवंश एवं उसकी संतति के मांस पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए. छोटे जिलों व तहसीलों में संचालित अवैध कसाइखानों पर कठोर कार्रवाई की जाए. जिला एवं तहसील स्तर पर कसाईखाना नियंत्रण समिति का गठन कर नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए.

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