Barwani News : जज-वकील ने उठाया जिम्मा, 6 लाख जुटाकर कस्तूरबा गांधी आश्रम को देंगे मूलभूत सुविधाएं

इस आश्रम में मूलभूत सुविधाएं न होने की वजह से बालिकाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कुछ समय पहले जब जज और अधिवक्ताओं ने इस आश्रम में शिविर का आयोजन किया था तो उन्हाेंने यहां की बदहाली को देखते हुए मूलभूत सुविधाए मुहैया कराने का फैसला लिया.

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बड़वानी:

Madhya Pradesh News : मध्यप्रदेश के बड़वानी में जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर दुर्गम क्षेत्र में कस्तूरबा गांधी आश्रम संचालित है. इस आश्रम में मूलभूत सुविधाएं न होने की वजह से बालिकाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कुछ समय पहले जब जज और अधिवक्ताओं ने इस आश्रम में शिविर का आयोजन किया था तो उन्हाेंने यहां की बदहाली को देखते हुए मूलभूत सुविधाए मुहैया कराने का फैसला लिया.

आर्थिक तंगी की वजह से स्वच्छ पेयजल तक नहीं मिल पा रहा

बड़वानी जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर दुर्गम क्षेत्र ग्राम चारदड़ में कस्तूरबा गांधी आश्रम संचालित है. कई वर्षों से निजी संस्था द्वारा इस आश्रम का संचालन किया जा रहा है. यहां कक्षा 1 से लेकर 5 वीं  तक की बालिकाएं अध्यनरत हैं,  लेकिन आर्थिक तंगी के आभाव में बच्चों को मूलभूत सुविधाएं जैसे ड्रेस, बैग, पंखे, शुद्ध पेयजल और बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

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जब जज और वकील एक शिविर के आयोजन में यहां पहुंचे तो मूलभूत सुविधाओं के आभाव में अध्यनरत बच्चों को देखा. इसके बाद उन्होंने इसे श्रेष्ठ आश्रम बना कर बच्चों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने का संकल्प लिया.

जिला अपर एवं सत्र न्यायाधीश आनंद तिवारी ने इस आश्रम को सारी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का फैसला लिया. जिले के न्यायधीशों और अधिवक्ताओं से उन्होंने बातचीत की जिसके बाद जिले के सभी जज ने अपने अपने वेतन में से और जिला अधिवक्ता संघ ने अपने हिसाब से राशि एकत्रित करते हुए लगभग 6 लाख रुपए की धन राशि जुटाई. 

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बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल सामग्री भी दी जाएगी

जो पैसा एकत्र किया गया है उसके माध्यम से बच्चों के लिए शौचालय, स्नानागार बनाया जाएगा, साथ ही खेल सामग्री भी दी जाएगी, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके. यही नहीं न्यायाधीश आनंद तिवारी ने इस बात से भी आश्वस्त किया है कि इस जिले से ट्रांसफर होने के बाद भी इस आश्रम के लिए हमेशा सहयोग करते रहेंगे. बहरहाल न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं की इस पहल से समाज को भी एक मैसेज दिया है कि शासन-प्रशासन के साथ-साथ देश के हर नागरिक का भी समाज के प्रति दायित्व होता है, जिसे सबको मिलकर पूरा करना चाहिए. इस अनोखी पहल से बच्चों के बीच में भी उत्साह नजर आ रहा है.

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