न दाल, न कोई सब्ज़ी... पोषण के नाम पर दिया जा रहा पानीदार भोजन, बड़वानी में मध्यान्ह भोजन योजना में धांधली

Mid-Day Meals Scheme: जनपद शिक्षा समिति की अध्यक्ष निरीक्षण के लिए अचानक एक स्कूल पहुंची. इस दौरान बच्चे मध्यान्ह भोजन कर रहे थे, लेकिन उनकी थाली में दाल के नाम पर सिर्फ पानी था... न दाल, न हल्दी, न कोई सब्जी.

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Barwani Mid-Day Meals Scheme: बड़वानी जिले में मिड-डे-मील यानी एमडीएम योजना की गंभीर लापरवाही सामने आई है. बच्चों को मिलने वाला पोषक भोजन केवल औपचारिकता बनकर रह गया है. जनपद उपाध्यक्ष और जनपद शिक्षा समिति की अध्यक्ष ने सिलावट संकुल के अंतर्गत आने वाली स्कूल बर खोदरा चिखलिया मालन और अन्य तीन स्कूल में अचानक निरीक्षण किया, जहां स्थिति बेहद चौंकाने वाली मिली.

बड़वानी के कई स्कूलों में बच्चों को नहीं मिल रहा खाना

निरीक्षण के दौरान जनपद शिक्षा समिति की अध्यक्ष को पता चला कि कई स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील ठीक से नहीं मिल रहा. शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं कि बड़वानी जनपद के लगभग पांच स्कूलों में न तो शिक्षक मौजूद रहते हैं और न ही बच्चे ठीक से भोजन पा रहे हैं.

पोषण के नाम पर परोसा जा रहा पानीदार भोजन

जब टीम अचानक एक स्कूल पहुंची, तो बच्चे मध्यान्ह भोजन तो ले रहे थे, लेकिन उनकी थाली में सिर्फ सफेद पानी जैसा दिखाई दिया. न दाल, न हल्दी, न कोई सब्ज़ी—पोषण के नाम पर सिर्फ पानीदार भोजन दिया जा रहा था.

निरीक्षण के दौरान और भी बड़ी लापरवाही सामने आई. अटेंडेंस रजिस्टर में टीचर की उपस्थिति दर्ज थी, लेकिन वे स्कूल में मौजूद ही नहीं थे. जब जांच की गई, तो पता चला कि शिक्षक छुट्टी पर थे... वह भी बिना अवकाश स्वीकृति के. रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज करना भी संदेह के घेरे में है.

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मध्यान्ह भोजन योजना में बड़ी लापरवाही

आदिवासी बहुल क्षेत्र होने की वजह से शिक्षा और पोषण दोनों ही अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन निरीक्षण में सामने आई लापरवाहियां इस बात की ओर इशारा करती हैं कि एमडीएम योजना और शिक्षा व्यवस्था—दोनों में ही भारी अनियमितताएं चल रही हैं.

बड़वानी जनपद उपाध्यक्ष ज्योति गोयल ने बताया कि इस लापरवाही को लेकर शिक्षा समिति अध्यक्ष ने कठोर कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भी लिखा और कहा कि इस क्षेत्र में शिक्षा के स्तर में भारी अनियमिताएं हैं, जहां न समय पर शिक्षक पहुंचते हैं... नहीं बच्चों को सही से मध्यान भोजन मिल रहा है. अगर उच्च अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो इनके खिलाफ मुख्यमंत्री तक ज्ञापन के माध्यम से शिकायत की जाएगी.

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