Vidisha: कलेक्टर ने संभाली कमान, CM के आदेश के बाद किसानों को सख्त निर्देश, नरवाई जलाने पर होगा बड़ा एक्शन

PM Kisan Samman Nidhi: राज्य सरकार ने फरवरी 2019 के बाद नए भू-धारकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है. वहीं राज्य सरकार की ओर से भी पात्र मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में किसानों को 6 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है. वर्ष 2020 से लागू इस योजना में अब तक प्रदेश के 85 लाख से अधिक हितग्राहियों को 17 हजार 500 करोड़ रूपये राशि अंतरित की गई है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
CM Kisan Kalyan Yojana: नरवाई जलाने पर सरकार सख्त

Stubble / Parali Burning News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) ने खेतों में लगाई जा रही नरवाई को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि प्रदेश में नरवाई जलाने वालों किसानों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पूरे प्रदेश के कलेक्टर एक्शन मोड में आ गए हैं. मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश पर विदिशा कलेक्टर ने खुद कमान संभाल लिया है. विदिशा कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने भी इस दिशा में बड़ी पहल करते हुए खुद कलेक्ट्रेट से खेतों तक पहुंचकर रोटावेटर चलाया और किसानों को संदेश दिया कि नरवाई में आग लगाना बंद करें. कलेक्टर का ट्रैक्टर चलाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और उनकी इस पहल की हर ओर सराहना हो रही है. प्रशासन का यह संदेश साफ है-अब खेतों में आग नहीं, समाधान होगा तकनीक से.

Advertisement

सीएम ने क्या कहा है?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश कृषि आधारित राज्य है. फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने के मामलों में वृद्धि होने से वायु प्रदूषण सहित कई प्रकार से पर्यावरण को बेहद नुकसान हो रहा है. खेत में आग लगाने से जमीन में उपलब्ध पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और भूमि की उर्वरक क्षमता में भी गिरावट आती है. इसके निदान के लिये राज्य सरकार पहले ही नरवाई जलाने को प्रतिबंधित कर चुकी है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसके बाद भी यदि कोई किसान अपने खेत में नरवाई जलाता है तो उसे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा नरवाई जलाने पर संबंधित किसान से अगले साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल उपार्जन भी नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पर्यावरण, मृदा संरक्षण एवं भूमि की उत्पादकता बनाए रखने के मद्देनजर राज्य सरकार का यह निर्णय एक मई से लागू होगा.

Advertisement

CSK vs SRH: चेन्नई vs हैदराबाद, किसकी बचेगी लाज! कैसे होगी नाव पार, पिच रिपोर्ट से Live मैच तक जानिए आंकड़े

Advertisement
CM ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासकीय भूमि, कुएं, बावड़ियों, तालाबों एवं गांवों में सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण हटाने के लिए सख्ती से विशेष अभियान चलाएं. उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान में सभी जल संग्रहण स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राजस्व अधिकारी अपनी भूमिका निभाएं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सभी अमृत सरोवर, तालाब, बांध, नहर एवं अन्य जल संरचनाओं को राजस्व अभिलेखों में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए और अभियान में नहर, कुए और बावड़ियों जैसी जल संरचनाओं को पूर्णत: अतिक्रमण मुक्त किया जाए. उन्होंने अधिकारियों को नामांतरण और बंटवारा जैसे राजस्व से जुड़े कार्यों का तय समय सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन के प्रकरण प्राथमिकता के साथ निराकृत करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारी अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों का नियमित निरीक्षण करें. नामांतरण, बँटवारा आदि मामलों का निराकरण समय सीमा में निरंतर होता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाए.

Coconut Water: गर्मियों में करें 'अमृत' का सेवन! नारियल पानी पीने के फायदे हजार, इन रोगों का रामबाण इलाज

MP में सम्मान निधि के इतने हैं हितग्राही किसान

राज्य सरकार ने फरवरी 2019 के बाद नए भू-धारकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है. इस योजना में केंद्र सरकार हर वर्ष पात्र किसानों को 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करती है. मार्च 2025 तक प्रदेश के 85 लाख से अधिक हितग्राहियों को 28 हजार 800 करोड़ रुपए राशि वितरित की जा चुकी है. साथ ही राज्य सरकार की ओर से भी पात्र मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में किसानों को 6 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है. वर्ष 2020 से लागू इस योजना में अब तक प्रदेश के 85 लाख से अधिक हितग्राहियों को 17 हजार 500 करोड़ रूपये राशि अंतरित की गई है.

राजस्व विभाग के नवाचारी प्रयासों के तहत तैयार की गई स्वामित्व योजना एवं फार्मर रजिस्ट्री के मामले में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. बताया गया कि स्वामित्व योजना में प्रदेश में ग्रामीण आबादी में निजी लक्षित सम्पत्तियों की संख्या लगभग 45.60 लाख है. इनमें से लगभग 39.63 लाख निजी सम्पत्तियों का अधिकार अभिलेख वितरित कर दिया गया है, योजना का 88 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है. जून 2025 तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. साथ ही फार्मर रजिस्ट्री के लिए विशेष कैंप एवं स्थानीय युवाओं का सहयोग लिया जा रहा है. प्रदेश में अब तक 80 लाख फार्मर आईडी बनाई जा चुकी हैं, यह कार्य भी जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.

यह भी पढ़ें : Pahalgam Terror Attack: निहत्थे पर्यटकों पर हमला कायरता! पाकिस्तान दे रहा है आतंकवाद को बढ़ावा: डिप्टी CM

यह भी पढ़ें : MP Gehu Kharidi 2025: अब कैसे होगी गेहूं की हेराफेरी! लग रहे हैं QR कोड, CM ने कहा पंजाब-हरियाणा हमसे पीछे