Baloda Bazar: अब रैली, धरना और प्रदर्शन की अनुमति लेने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, प्रशासन ने दिखाई सख्ती

MP News: अब रैली, धरना और प्रदर्शन करने या अनुमति प्राप्त करने से पहले आयोजन और व्यक्ति को अनिवार्य रूप से शपथ पत्र सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा. उसके बिना अनुमति नहीं दी जाएगी. इन नियमों के पालन नहीं करने पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.

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Baloda Bazar: अब रैला के लिए देना होगा शपथ पत्र

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलौदा बाजार (Baloda Bazar) में 10 जून को सतनाम समाज के प्रदर्शन के दौरान बदले हालात से प्रशासन सख्त हो गया है. हिंसक प्रदर्शन और आगजनी के बाद अब बलौदा बाजार में संविधान में मिले शांति पूर्ण ढंग से होने वाली रैली, धरना, प्रदर्शन और आंदोलन के अधिकार पर प्रशासन का पहरा होगा. इतना ही नहीं रैली, धरना, प्रदर्शन और आंदोलन के लिए अनुमति मांगते समय आयोजकों को शपथ पत्र भी देना होगा. यह निर्णय कलेक्टर दीपक सोनी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने जिले के कानून व्यवस्था को लेकर राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा बैठक में लिया है.

प्रदर्शन के दौरान हुई थी जमकर तोड़फोड़

बता दें कि गिरौदपुरी धाम के पास ग्राम महकोनी के अमर गुफा स्थित जैतखाम काटे जाने से नाराज सतनाम समाज के लोगों ने 10 जून को बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी. अनुमति मिलने के बाद प्रदर्शन हुआ था. प्रदर्शन के बाद ज्ञापन देने की बात भी कही गई थी. इधर प्रदर्शन में शामिल होने आए विभिन्न जिलों और विभिन्न प्रदेश के लोगों ने जिला मुख्यालय के साथ ही तहसील कार्यालय और संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में जमकर तोड़फोड़ कर दी. भीड़ ने गाड़ियों को तोड़कर उसमें रखे सामान की निकाल लिया और गाड़ियों को आग लगा दी. साथ ही एसपी कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया. इस घटना में एसपी कार्यालय, जिला आबकारी कार्यालय सहित कई विभागों के दस्तावेज जल गए. इस घटना में लगभग 10 करोड़ से अधिक की राशि के नुकसान का आंकलन अब तक किया जा सका है.

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अधिकारियों को हटा दिया गया था

इस उग्र प्रदर्शन के बाद जहां सरकार ने कलेक्टर और एसपी को हटा दिया. वहीं पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ 13 एफआईआर दर्ज कर 139 उत्पतियों को गिरफ्तार की है. इसमें आयोजनकर्ता भीम आर्मी क्रांतिवीर के संस्थापक किशोर नवरंगे, भीम रेजीमेंट का प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश सोनवानी, संभागाध्यक्ष जीवराखन बांधे, छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रीतम दास बर्मन, रायपुर में नग्न प्रदर्शन कर खुद को प्रसिद्ध करने वाले विक्रम जांगड़े, पलारी क्षेत्र के मोहन राय, बिलासपुर के जितेंद्र बंजारे, सतनाम सेना के धरसिंवा ब्लाक अध्यक्ष संजय तारण के नाम हैं.

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इस घटना के बाद नव पदस्थ कलेक्टर दीपक सोनी और एसएसपी विजय अग्रवाल लगातार घटना के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं. भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृति ना हो इसके लिए शिथिल नियमों को कड़ाई से पालन करने के लिए काम करने के निर्देश दे रहे हैं.

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जमीनी स्तर में सूचना तंत्र को मजबूत करने मिले निर्देश 

बता दें कि आगजनी की घटना की लगातार समीक्षा की जा रही है. इसी क्रम में कलेक्टर और एसएसपी ने बैठक ली. जिसमें सभी एसडीएम, एसडीओपी को जमीनी स्तर में सूचना तंत्र को मजबूत करते हुए पुलिस की गश्ती बढ़ाने पर जोर देने के निर्देश दिए हैं. नियमानुसार गांवों में समय - समय पर शांति समिति की बैठक अनिवार्य रूप से करने, धार्मिक स्थलों पर सतत रूप से निगरानी रखने के निर्देश संबधित अधिकारीयों को दिए गए हैं.

अब रैली, धरना और प्रदर्शन करने या अनुमति प्राप्त करने से पहले आयोजन और व्यक्ति को अनिवार्य रूप से शपथ पत्र सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा. उसके बिना अनुमति नहीं दी जाएगी. इन नियमों के पालन नहीं करने पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.


विवाद की स्थिति बनने पर गांव में होगा निराकरण

बता दें कि बैठक में कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि गावों में किसी प्रकार की विवाद या समस्या होने की जानकारी मिलने पर तत्काल तहसीलदार और थानेदार गांव पहुंचकर समस्या का निराकरण करेंगे. इसके साथ ही वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का विवाद होने पर वन विभाग के द्वारा भी तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने जमीनी स्तर पर सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए एसडीएम को नियमित रूप से कोटवारों, पटवारियों और सचिव की नियमित बैठक करने कहा है.

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