MP में 108 एंबुलेंस का खस्ता हाल! दवा-वेंटिलेटर गायब… मरीजों को सिर्फ ऑक्सीजन की दी जा रही सुविधाएं

Madhya Pradesh: इन एंबुलेंसों में 21 प्रकार के उपकरण औऱ 33 तरह की दवाएं रखनी जरूरी है, जिसमें पैरासिटामोल, प्रोसमाइड, लेक्सिंस, सोडियम, वाइकार्बोनेट, डोपामिन, केशियम, ग्लूकोनेट, एन एस, आर एल बॉटल, एंड्रॉलाइन, इंजेक्शन आदि हैं.

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के टीकमगढ़ (Tikamgarh) में 108 एंबुलेंस की हालत खस्ता है. दरअसल, एंबुलेंस में मरीज की जान बचाने के लिए पर्याप्त दवाएं, वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सीजन तक कि सुविधाएं दी गई है, लेकिन मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में चलने वाली 43 एंबुलेंसों की हालत खस्ता है. एंबुलेंस में ना तो दवाएं हैं, ना ही वेंटिलेटर. सुविधाओं के नाम पर एंबुलेंस में सिर्फ ऑक्सीजन है. इतना ही नहीं सरकार द्वारा दी गई जननी एक्सप्रेस का भी हालात यही है. 

एंबुलेंस में आधी से ज्यादा सुविधाएं गायब

बता दें कि टीकमगढ़ जिला अस्पताल से प्रतिदिन 12 से 16 गंभीर मरीजों को ग्वालियर, झांसी और सागर रेफर किया जाता. वहीं दुर्घटना ग्रस्त मरीजों को भी ये 108 एंबुलेंस जिला अस्पताल तक उपचार के लिए लाती है. इतना ही नहीं इन गाड़ियों में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं सिर्फ कागजों तक सीमित है, जबकि गाड़ी में आधी से ज्यादा सुविधाएं गायब हैं. 

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दरअसल, इन एंबुलेंसों में 33 तरह की दवाएं होती है, जिसमें पैरासिटामोल, प्रोसमाइड, लेक्सिंस, सोडियम, वाइकार्बोनेट, डोपामिन, केशियम, ग्लूकोनेट, एन एस, आर एल बॉटल, एंड्रॉलाइन, इंजेक्शन सहित 33 प्रकार की दवाएं ओर 21 प्रकार के उपकरण होते है, लेकिन वर्तमान में 108 गाड़िया सड़कों पर दौड़ रही. इन एंबुलेंसों में मरीजों की जान बचाने वाली ना तो दवाएं हैं और न ही उपकरण. 

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सुविधाओं की कमी के चलते मराजों की बिगड़ जाती है हालात

जब एनडीटीवी की टीम 108 गाड़ी के अंदर जाकर देखा गया तो दवाओं के सारे बॉक्स खाली पड़े थे. इसके अलावा इन गाड़ियों के अम्बु बेग, सक्शन मशीन और सवाईकल कालर धूल खा रही है. देखने से साफ पता चला रहा था कि इन उपकरणों को कभी मरीजों के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया. वहीं 108 जननी एक्सप्रेस भी सिर्फ ऑक्सीजन के सहारे चलती है. कई बार सुविधाओं की कमी के कारणअस्पताल ले जाते समय मरीजों की हालात बिगड़ गई है. तो कई मरीजों की मौत भी हुई है. वहीं अक्सर ये एंबुलेंस 1से 2 घंटे लेट रहती है जिसके कारण ये समय से मरीज के पास नहीं पहुंचती है. जिसका नतीजा मरीजों को भुगतना पड़ता है.

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एडवांस लाइफ सपोर्ट की दी जाती है सुविधाएं, फिर क्यों है खस्ता हाल?

108 गाड़ियों के जिला प्रभारी विवेक दुबे ने कहा कि गाड़ियों में एडवांस लाइफ सपोर्ट की सारी सुविधाएं मौजूद है. गाड़ियों में दवा की कमी नहीं रहती. वहीं एक्सपायर होने से पहले दवा को हटा दिया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि 108 और जननी एक्सप्रेस में जो भी कमियां होगी उनको जल्द पूरा करवाया जाएगा.

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