ASI गोवर्धन ने थाना प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर कर हाईकोर्ट में पेश कर दी फर्जी रिपोर्ट, SSP ने किया सस्पेंड, अब HC का सख्त एक्शन

MP High Court: पुलिस थाना डबरा सिटी में पदस्थ एएसआई गोवर्धन सिंह ने थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह यादव के हस्ताक्षर किए और रिपोर्ट कोर्ट में भी पेश कर दी. रिपोर्ट में कहा गया कि वारंटी देवी सिंह कुशवाह घर पर नहीं है.

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ASI Govardhan submitted fake report to MP High Court: ग्वालियर पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक ने कोर्ट मे एक आरोपी को लेकर अपने थाना प्रभारी के फर्जी दस्तखत करके रिपोर्ट पेश कर दीं, लेकिन मामला खुलते ही कोर्ट सख्त हुआ. मामले का पता चलते ही एसएसपी धर्मवीर सिंह ने एएसआईं को तत्काल ही सपस्पेंड कर दिया.  मामला डबरा सिटी थाने से जुड़ा है.

थाना प्रभारी के हस्ताक्षर कर ASI ने कोर्ट में सौंप दी रिपोर्ट

दरअसल, पुलिस थाना डबरा सिटी में पदस्थ एएसआई गोवर्धन सिंह ने थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह यादव के हस्ताक्षर किए और रिपोर्ट कोर्ट में भी पेश कर दी. रिपोर्ट में कहा गया कि वारंटी देवी सिंह कुशवाह घर पर नहीं है. मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने जब रिपोर्ट पढ़ने के बाद सरकारी वकील से पूछा की गिरफ्तारी वारंट की तामील करने की जिम्मेदारी एसएसपी की थी... फिर तामील क्यों नहीं हुई? इस पर शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट से 15 मिनट का समय मांगा.

ऐसे हुआ फर्जी हस्ताक्षर का खुलासा

बताया गया कि कोर्ट रूम से बाहर निकल कर एसएसपी धर्मवीर सिंह से बात की. इसके बाद  शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया की वारंटी देवी सिंह कुशवाह को घर से ही कस्टडी में ले लिया गया है और उसे कोर्ट लाया जा रहा है. 

ASI के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया अवमानना का नोटिस

बाद में खुलासा हुआ कि एएसआई ने थाना प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर कर रिपोर्ट पेश कर दी थी. इसके बाद एसएसपी ने एएसआई को निलंबित भी कर दिया है. अब हाई कोर्ट ने एएसआई गोवर्धन सिंह के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है. इसे भी तामील करने की जिम्मेदारी एसएसपी को दी गई है. अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी.

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देवी सिंह कुशवाह को मिली जमानत

हाईकोर्ट में देवी सिंह कुशवाह को पेश किया गया. उसने कोर्ट को बताया कि वह वृंदावन गया था. कोर्ट ने जब पूछा कि वहां कहां रुका था और कब घर लौटा तो संतोषजनक जवाब नहीं दे सका.

वहीं थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट उसके फर्जी हस्ताक्षर के साथ पेश की गई है. हालांकि बाद में देवी सिंह को कोर्ट ने सशर्त जमानत का लाभ दिया. साथ ही यह स्पष्ट किया कि उन्हें प्रत्येक सुनवाई पर कोर्ट में उपस्थित रहना पड़ेगा.

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