MP News: अशोकनगर में 565 बीघा जमीन को लेकर परेशान हैं ये महंत, पिछले 20 साल से लगा रहे चक्कर

Ashoknagar News: अशोकनगर जिले में एक महंत अधिकारियों के आगे पिछले 20 वर्षों से गुहार लगा रहे हैं. मामला 6 मंदिरों की 565 बीघा भूमि पर कब्जा हटाने की मांग से जुड़ा हुआ है. मामले को लेकर मंगलवार को भी महंत कलेक्ट्रेट गए थे. आइए आपको पूरे मामले की जानकारी देते हैं.

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अशोकनगर में 105 साल के महंत हो रहे पिछले 20 साल से परेशान

Ashoknagar Saint in Problem: सरकार और जनप्रतिनिधियों ने भले ही मंदिरों व निजी भूमि से अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश अधिकारियों को देने की बात सामने आ रही हो, लेकिन अगर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अशोकनगर जिले की बात की जाए, तो यहां के ऐतिहासिक व प्राचीन नगरी चंदेरी (Chanderi) में 6 मंदिरों की 565 बीघा जमीन को बचाने के लिए 105 वर्षीय महंत कमलाकांत दास (Mahant Kamlakant Das) पिछले 20 वर्षों से अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. मामले को लेकर मंगलवार को भी वे कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुंचे और मंदिरों की जमीन से अतिक्रमण हटाये जाने की मांग की.

अशोकनगर में महंत ने की शिकायत

क्या है पूरा मामला?

नृसिंह मंदिर, चंदेरी के महंत कमलाकांत दास (105 वर्ष) ने बताया कि चंदेरी ईसागढ़ ट्रस्ट के अंतर्गत 6 मंदिरों की 565 बीघा भूमि दर्ज है, जिसमें से अधिकांश भूमि पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है. महंत दास ने बताया कि नृसिंह मंदिर राजा-महाराजाओं का गुरुदेवालय कहलाता है और इसकी स्थापना लगभग 950 साल पहले हुई थी. सन् 1992 में महंत महामंडलेश्वर पूरनदास जी महाराज ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था. बीते 20 वर्षों से महंत कमलाकांत दास मंदिर की भूमि पर कब्जा हटवाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.

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इन जगहों पर है दबंगों का कब्जा

महंत के अनुसार, ग्राम माफी की 565 बीघा जमीन, ग्राम ठेका में 125 बीघा, ग्राम जंघार में 62 बीघा, ग्राम नटर में 60 बीघा, ग्राम मल्हारगढ़ में 100 बीघा और मोहनपुर के बाग-बगीचे तथा अन्य कई स्थानों पर मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा है. इसके अलावा, तहसील ईसागढ़ में स्थित 12 दुकानों का प्रतिमाह 300 रुपये किराया निर्धारित है. लेकिन, किराया भी नहीं मिल पा रहा है. महंत कमलाकांत दास ने कलेक्टर से मंदिर की भूमि को कब्जे से मुक्त कराने और फसल ठेका राशि मंदिर को दिलवाने की मांग की है.

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