नकली DAP खाद का भंडाफोड़, जब्त किए गए 124 कट्टे, लैब रिपोर्ट आने पर FIR दर्ज, किसानों से खास अपील

Ashoknagar News: उर्वरकों पर आईएफएफसीओ कंपनी का लेबल लगा हुआ था. जिसके सैंपल लेकर नियंत्रण प्रयोगशाला भेजे गए. लैब की जांच रिपोर्ट में नकली खाद का खुलासा हुआ है.

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Fake DAP fertilizer busted: मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में नकली डीएपी खाद के अवैध निर्माण और परिवहन का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, कृषि विभाग की टीम एक वाहन को जबित की, जिसमें से 50 किलोग्राम के 124 कट्टे डीएपी उर्वरक बरामद किए गए.  फिलहाल कोतवाली थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

कृषि विभाग ने जब्त किए 124 कट्टे नकली उर्वरक

बता दें कि वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी प्रदीप गर्ग ने 25 जून 2025 को राजस्व विभाग शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद के नायब तहसीलदार शंभू मीणा को सूचना मिली कि एक मिनी ट्रक (क्रमांक MP13-GB-6421) से नकली उर्वरक का परिवहन किया जा रहा है. वाहन पकड़े जाने के बाद कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुंची और 50 किलोग्राम के 124 कट्टे डीएपी उर्वरक जब्त किए.

ब्रांड के नाम पर नकली डीएपी उर्वरक का चल रहा कारोबार

इन उर्वरकों पर आईएफएफसीओ कंपनी का लेबल लगा हुआ था. हालांकि संदेहास्पद गुणवत्ता को देखते हुए इसके सैंपल लिए गए और परीक्षण के लिए सागर स्थित उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला भेजे गए. बता दें कि लैब की रिपोर्ट में नकली खाद का खुलासा हुआ है, जिसके बाद कोतवाली अशोकनगर में मामला दर्ज कराया गया है.

बेहद कम मात्रा में नाइट्रोजन और फास्फोरस

लैब रिपोर्ट के अनुसार, डीएपी उर्वरक में आवश्यक पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन और फास्फोरस निर्धारित मानकों से बेहद कम मात्रा में पाए गए. एक सैंपल में नाइट्रोजन मात्र 7.82% और फास्फोरस 4.65% ही पाया गया, जबकि मानक मात्रा क्रमश: 18% और 46% होनी चाहिए.

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इन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

इस आधार पर ट्रक चालक सलमान (नि.शंकरपुर मगरधा) और सहायक चालक शिवकुमार (नि. छहघरा कॉलोनी) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7, और उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण आदेश 1985 की धाराएं 7, 19 और 35 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी . फिलहाल नकली खाद के नेटवर्क से जुड़े अन्य व्यक्तियों की तलाश की जा रही है. अधिकारी प्रदीप गर्ग ने कृषकों से सतर्क रहने और प्रमाणित स्रोतों से ही उर्वरक खरीदने की अपील की है.

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