साइकिलिंग का शौक बना पैशन, अब साइकिल से ही निकल पड़े समाज को संदेश देने; पूरी की 4700 किमी यात्रा

आशीष गलगले ने समाज को जागरूक करने के लिए मध्य प्रदेश के 54 जिलों की मैराथन साइकिल यात्रा शुरू की है. उन्होंने लगभग 4700 किलोमीटर का सफर पूरा कर लिया है और उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', 'कुपोषण से मुक्ति', 'नशा मुक्त समाज', और 'पर्यावरण संरक्षण' जैसे ज्वलंत सामाजिक मुद्दों पर जागरूक करना है.

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साइकिलिंग के अपने शौक को अब आशीष गलगले ने एक सामाजिक जिम्मेदारी में बदल दिया है. मध्य प्रदेश के गुना जिले के निवासी आशीष ने समाज को महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूक करने के लिए प्रदेश के 54 जिलों की मैराथन साइकिल यात्रा शुरू की है. मंगलवार को करीब 4 हजार 700 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर आशीष नीमच पहुंचे. यहां शिक्षा विभाग के अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.

​4700 किलोमीटर का सफर हुआ पूरा

​आशीष गलगले ने अपनी इस प्रेरणादायक यात्रा के तहत अभी तक लगभग 4700 किलोमीटर का सफर पूरा कर लिया है, जिसके बाद अब कुछ ही जिले शेष बचे हैं. उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रदेशभर के लोगों को 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', 'कुपोषण से मुक्ति', 'नशा मुक्त समाज', और 'पर्यावरण संरक्षण' जैसे ज्वलंत सामाजिक मुद्दों पर जागरूक करना है.

​कलेक्टर से मिली थी प्रेरणा

​आशीष ने बताया कि उन्हें 5800 किलोमीटर लंबी यह यात्रा शुरू करने की प्रेरणा अशोकनगर के कलेक्टर से मिली. नीमच पहुंचने पर जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने उनका भव्य स्वागत किया गया. राजेश गुजेटिया, अजय पवार, रतन दूरिया, अशोक बेन और सूरजमल आर्य सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने माला पहनाकर आशीष का अभिनंदन किया.

​नीमच का स्लोगन कर गया प्रभावित

​नीमच शहर को लेकर आशीष ने एक खास बात साझा की. उन्होंने कहा कि उन्हें नीमच में एक अनोखा स्लोगन देखने को मिला, जो उन्होंने अभी तक किसी अन्य जिले में नहीं देखा. वह स्लोगन था 'हमारा शहर मेरी ज़िम्मेदारी'. आशीष ने कहा कि यह स्लोगन उन्हें बहुत अच्छा लगा. उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि लोग अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं, और इसी कारण से हमारा शहर और देश पीछे है. आशीष की यह यात्रा जल्द ही अपने लक्ष्य को पूरा करने वाली है और समाज को जागरूक करने का एक बड़ा उदाहरण पेश कर रही है.

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​समय से पहले तय होगी यात्रा

​आशीष ने बताया कि मध्यप्रदेश के 54 जिलों की यह यात्रा 50 दिन में पूरी होने वाली थी, लेकिन अब वह इसे 40 दिन में ही पूरा कर लेंगे. उन्होंने अपनी यात्रा लगभग पूरी कर ली है और अब केवल तीन से चार जिले ही बचे हैं, जिनका भ्रमण करना है.