Archana Tiwari case: अर्चना तिवारी मामले में GRP की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल SP राहुल कुमार लोढ़ा ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अर्चना तिवारी के लिए लगातार शादी के रिश्ते आ रहे थे, लेकिन वो शादी नहीं करना चाहती थी. शुजालपुर के रहने वाले सारांश से अर्चना की इंदौर में दोस्ती हुई थी. एक ही ट्रेन में उस दिन दोनों यात्रा कर रहे थे. इसी दौरान दोनों ने अपहरण की प्लानिंग बनाई.
घरवालों ने अर्चना पर शादी का बना रहे थे दबाव
रेल SP राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि सारांश ने कुछ लीगल एडवाइज ली थी. इस बीच अर्चना के घर वालों ने पटवारी के साथ रिश्ता तय कर दिया था और घर वालों ने अर्चना पर पढ़ाई छोड़कर शादी का दबाव बनाया. अर्चना ने सारांश से हरदा में ढाबे पर बैठक बात की और भागने की प्लानिंग बनाई, लेकिन बाद में भागने की प्लानिंग कैंसल कर दी और गुमशुदगी की साजिश रची. अर्चना को लगा था कि GRP मिसिंग पर इतना ध्यान नहीं देगी.
अर्चना ने ऐसे बनाई अपहरण की प्लानिंग
उन्होंने आगे बताया कि तेजन्दर नामक व्यक्ति ने इटारसी स्टेशन की जानकारी दी, जहां CCTV नहीं था और वहां से भागने की प्लानिंग बताई. तेजन्दर ने नर्मदापुरम में ट्रेन में अर्चना को कपड़े दिए, जिसके बाद अर्चना B3 कोच से A2 कोच में जाकर भाहर निकली. आउटर से अर्चना बाहर निकली, जहां CCTV नहीं था. इतना ही नहीं अर्चना तिवारी ने मोबाइल तेजन्दर को बागतवा के जंगलो में फेंकने के लिए कहा. इसके बाद अर्चना सारांश के साथ कार से गई, लेकिन उसी रात एक फ्रॉड मामले में तेजन्दर को दिल्ली पुलिस ले गई. GRP की टीम ने दिल्ली जाकर तिहाड़ जेल में तेजन्दर से पूछताछ की.
राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना ने जानबूझकर ट्रेन में समान छोड़ा, ताकि पुलिस को लगे अर्चना कहीं गिर गई है. इतना ही नहीं मोबाइल भी जंगल के पास बंद हुआ था. हालांकि अर्चना सारांश से वह व्हाट्सएप कॉल पर बात करती थी, इसलिए पुलिस को CDR नहीं मिली.
ऐसे अर्चना ने तय किया इंदौर से काठमांडू का सफर
उन्होंने बताया कि सारांश को जब पुलिस ने उठाया तो परतें खुली. दोनों ने यात्रा के दौरान टोल को भी एवाइड किया और बीच में नया मोबाइल लिया. इन लोग मध्य प्रदेश नहीं छोड़ते, लेकिन मीडिया में हाइप बनने के बाद दूसरे राज्य में जाने की प्लानिंग की. इसके बाद दोनों पहले हैदराबाद गए और फिर नेपाल जाने की प्लानिंग की. बस के माध्यम से जोधपुर से दिल्ली होते हुए अर्चना तिवारी काठमांडू चली गई.
सारांश के जरिए अर्चना तक पहुंची GRP की टीम
लोढ़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सारांश काठमांडू से वापस आ गया. सारांश ने जानबूझकर अपना मोबाइल इंदौर में छोड़कर रखा था, ताकि कोई उस तक पहुंच न सके. सारांश को राउण्डअप करने के बाद अर्चना को बॉर्डर तक बुलाकर पुलिस ने राउंडअप किया. फिर दिल्ली के रास्ते आज फ्लाइट से हम उसे भोपाल लेकर आए.
उन्होंने बताया कि सारांश पर तब शक हुआ जब सभी चीजें हमने जांच कर ली कुछ नहीं मिला. फिर सारांश के 2 -3 काल बहुत लंबे थे. फिर IP एड्रेस से जानकारी लेकर सारांश से पूछताछ की.सारांश को पकड़ने के बाद उसने अर्चना से बात करवाई. सारांश के जरिए काठमांडू से अर्चना को बुलाया गया. सारांश को पड़कने के बाद अर्चना ने अपने भाई से बात की थी. हालांकि तब तक पुलिस बुला चुकी थी. अर्चना का घर का नाम सपना था, इसलिए वो बाहर खुद को सपना बता रही थी.
ये भी पढ़े: रिश्ता तय होने से नाराज थी अर्चना तिवारी, पढ़ना चाहती थी इसलिए भागी- रेल SP राहुल लोढ़ा का खुलासा