राजनीति में सक्रिय रहकर भी अजातशत्रु थे नानाजी, नेहरू ने तो भारत में..., सतना में बोले अमित शाह

Amit Shah in Satna: केंद्रीय मंत्री अमित शाह गुरुवार को सतना पहुंचे, जहां उन्होंने भारत रत्न (Bharat Ratna) नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

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Nanaji Deshmukh Death Anniversary: भारत रत्न (Bharat Ratna) नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित करना कितना उचित है, मैं नहीं जानता. कुछ लोगों का जीवन युग परिवर्तनकारी होता है. इसकी मिसाल भारतरत्न नानाजी देशमुख थे. उन्होंने कहा कि बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा से जुड़कर प्रचारक बने. केंद्रीय मंत्री शाह (Amit Shah) गुरुवार को दीनदयाल शोध संस्थान के दीनदयाल परिसर चित्रकूट में मौजूद थे, जहां नानाजी का श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया था. इस दौरान सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) भी मौजूद रहे.

अमित शाह ने कहा, जनसंघ से जुड़े दीन दयाल उपाध्याय के साथ मिलकर अपने जीवन का क्षण-क्षण, तन का कण-कण भारत माता की सेवा में समर्पित किया. राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय रहकर दुनिया में कुछ ही लोग होते हैं, जो अजातशत्रु रहें. नानाजी देशमुख इसी श्रेणी में शामिल हैं.

ऐसे थे नानाजी

राजनीति में रहकर भी सर्व स्वीकृति लाना कठिन है, लेकिन नानाजी का विरोध किसी ने नहीं किया. कला, साहित्य, उद्योग जैसे क्षेत्रों में नानाजी ने संपर्क बना सर्व स्वीकृति और सम्मान प्राप्त किया, ऐसा काम करने वाले नाना जी ही थे.

पहले पीएम नेहरू पर बोला हमला

अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तो पश्चिम के सिद्धांतों को (Pt. Jawahar Lal Nehru) भारत में लागू किया. इसके बावजूद पंडित दीनदयाल उपाध्याय और नानाजी जैसे लोग विरासत के साथ विकास के लिए एकात्मक मानववाद का आदर्श स्थापित करते रहे. यह इन्हीं दो महापुरुषों की देन है कि 60 करोड़ लोगों के विकास का लक्ष्य बनाकर अब भारत की सरकार आगे बढ़ रही है.

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नानाजी ने हमेशा देश को पहले रखा

उन्होंने कहा कि मैं डीआरआई से जुड़ा रहा, इसका एकमात्र कारण यहां की मंथन पत्रिका थी. इस पत्रिका के अंकों में भारत के विकास के सिद्धांत मिलते हैं. मेरे लिए तो यह पत्रिका वेद और उपनिषद के समान है. नानाजी ने हमेशा राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर काम किया. उनमें तिलक और गांधी का समावेश था. यही कारण है कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें राष्ट्र ऋषि की उपाधि प्रदान की थी.

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अमित शाह ने कहा कि तमाम लोगों को उपाधियां मिलती हैं, जिससे वह अलंकृत होते हैं, लेकिन राष्ट्र ऋषि नानाजी ऐसे महापुरुष थे, जिनसे उपाधियां अलंकृत हुई हैं. इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नानाजी पर अपने विचार प्रस्तुत किया.

पूज्य संतों ने दी श्रद्धांजलि

कार्यक्रम में पूज्य संत मोरारी बापू, सैनाचार्य स्वामी अचलानंदाचार्य महाराज जोधपुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास राज्य मंत्री तिमा बागरी, सतना सासंद गणेश सिंह, निखिल मुंडले, अतुल जैन ने भी श्रद्धांजलि दी.

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