Kyrgyzstan Student in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) नगर के कपड़ा व्यापारी गजानन सवनेर का 21 वर्षीय बेटा कुशाग्र सवनेर (Kushagrh Sawner) आठ माह से एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) के बिश्केक शहर स्थित इंटरनैशनल हायर स्कूल आफ मेडिसिन युनिवर्सिटी (IHSMU) के मेडिकल कॉलेज (Medical College) में कर रहा है. वह वहीं पर कॉलेज के हॉस्टल में रह रहा था. 13 मई 2024 को बिश्केक में इजिप्ट ओर वहां के लोकल छात्रों में विवाद हुआ था, जिसके वायरल होने के बाद 17-18 मई बिश्केक शहर के असमाजिक तत्वों ने बाहरी छात्रों को मारना पीटना शुरू कर दिया. इस घटनाक्रम की जानकारी मिडिया के माध्यम से कुशाग्र के परिजनों को मिली, तो उन्होंने कुशाग्र को शीघ्र ही भारत आने के लिए कहा.
बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत वापस आया छात्र
कुशाग्र की दादी शशिकला ने पोते को उससे देखकर लिपट गई. एनडीटीवी से चर्चा करते हुए कुशाग्र ने बताया कि किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में 13 मई को हुए विवाद के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो से वहां के लोकल असामाजिक तत्वों ने बाहर से आए छात्रों के साथ मारपीट शुरू कर दी. यह घटना 17 और 18 तारीख से शुरू हुई. वहां की लोकल पुलिस ने जल्द ही इस पर कंट्रोल पा लिया. उसने कहा, 'इस घटना के बाद हमने भी भारतीय एमबीसी को व्हाट्सएप और ट्विटर पर अपनी सुरक्षा को लेकर मैसेज डालें. ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री को भी मैसेज डालें.'
विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री ने किया संपर्क
कुशाग्र ने आगे बताया, 'ट्विट करने के दूसरे दिन हमें प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री का मैसेज मिला. उन्होंने मैसेज में आदेशित किया कि हॉस्टल से बाहर नहीं निकलना है. रात 7:00 बजे के बाद हॉस्टल का लाइट बंद कर खिड़कियों पर कार्टन डाल देना है. हमने भी वैसा ही किया. किर्गिस्तान में भारत के लगभग 30 से 40 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं.' कुशाग्र ने बताया कि सिर्फ मध्य प्रदेश के 1200 विद्यार्थी किर्गिस्तान में अध्ययन कर रहे हैं.
ऐसे घर वापस आया कुशाग्र
कुशाग्र ने कहा कि घर से बार-बार फोन आ रहे थे कि जल्द ही किर्गिस्तान से निकलकर भारत आ जाओ. उसने कहा, 'मैं 22 तारीख को हॉस्टल से निकला और बाय बस कजाकिस्तान के शहर अल्माटा पहुंचा. अल्माटा एयरपोर्ट पर से उज़्बेकिस्तान की ताशकंद के लिए फ्लाइट मिली. मैं उसी का टिकट लेकर ताशकंद चला गया. ताशकंद में दिनभर रहने के बाद, रात में दिल्ली के लिए फ्लाइट मिली. उससे सुबह 6:00 बजे दिल्ली पहुंच गया और दिल्ली से इंदौर फ्लाइट से आया. 3 दिन के सफर में बहुत थकान हो गई थी इसलिए इंदौर में एक दिन आराम किया.'
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घटना के मालूम चलने के बाद से लगी हुई थी फिक्र-कुशाग्र की मां
कुशाग्र सवनेर की मां ज्योति सवनेर ने बताया कि घटनाक्रम के बारे में मालूम पड़ा था तब से ही बड़ी फिक्र लगी हुई थी. फोन पर चर्चा होती थी हर बार यही कहा जाता था जैसा भी हो वहां से निकल आओ. अब सब टेंशन दूर हो गया है. बड़ी खुशी हुई. कुशाग्र के पिता गजानन ने बताया कि हमें भारत सरकार पर पूरा विश्वास था कि उन्होंने ऐसे समय पर हमारे बेटे को बड़ा संभल दिया.
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